October 18, 2024

कानपुर। बुधवार को शारदीय नवरात्रों की षष्ठी तिथि पर शहर के दुर्गा पूजा पन्डालों में मां जगदंबे विराजी जिनका विधिवत पूजन अर्चन किया गया।  शहर के अनेक दुर्गा पन्डालों में चकेरी स्थित कालीबाड़ी और बंगाली मोहाल स्थित काली माता मंदिर में मां के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप का पूजन कर भक्तों ने सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं रिजर्व बैंक के सामने स्थापित दुर्गा पण्डा्ल को डीएवी लान स्थानान्तरित कर पूजन किया गया। शहर में लगभग 25 से 30 मुख्य दुर्गा पूजा के पाण्डालों में बुधवार को मॉं विराजी जिनका लगभग चार दिनों तक पूजन किया जाएगा।लाल बंगला की काली बाडी, माल रोड के हीरा पन्ना गेस्ट हाउस, डीएवी लॉन, सूटरगंज, स्वरूप नगर,शास्त्री नगर, अशोक नगर, पान्डुं नगर ,गोविन्द नगर में 3 स्थानों पर, आईआईटी कल्याणपुर,अर्मापुर स्टेट आदि प्रमुख दुर्गा पूजा पाण्डालों में बंगाली समाज के लोग माता का पूजन और दर्शन करने को आतुर रहे। 12  अक्टूबर तक चलने वाले दुर्गा महोत्सव के दौरान पण्डालों में भक्ति की गंगा बहेगी इसके बाद भक्त मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। मालरोड स्थित एबी विद्यालय के कैंपस हाल में परंपरागत रूप से मां का कलश पूजन किया गया। इसी प्रकार शास्त्री नगर स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में षष्ठी पूजन से मां की स्थापना की गई। चकेरी स्थित श्री श्री कालीबाड़ी मंदिर में मां के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप को स्थापित किया गया। महिलाओं ने षष्ठी पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। संध्याकाल में बोधन पूजन व महिषासुर मर्दिनी स्वरूप में मां की झांकी दिखाई गई। राक्षसों से युद्ध करतीं मां के मनोहारी झांकी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध किया।

गुरुवार को दुर्गा पाण्डालों में सप्तमी के मौके पर पुष्पांजलि का आयोजन किया जाएगा बताते चलें कि शारदीय नवरात्रों में षष्ठी पूजन के साथ ही शहर में बंगाली पूजन की शुरुआत हो चुकी है। डीएवी लान में श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा समिति की ओर से 106 वां पूजन उत्सव आजादी के अमृत महोत्सव की थीम पर मनाया जा रहा है। पंडाल में मां के दर्शन को भक्त बड़ी संख्या में पहुंचें और उनका दर्शन लाभ लिया। बुधवार को मॉं दुर्गा पूजा  इसमें देवी मां की नव प्रत्रिका प्रवेश और षष्टीह तिथि में मॉं की स्थायपना का विधिवत पूजन किया गया तथा पुष्पांजलि अर्पित की गयी । ग्वालटोली के सूटरगंज स्थित दुर्गा पार्क में श्री श्री सार्वजनिन दुर्गा पूजा समिति ने 85वें साल में प्रवेश करने वाली मॉं दुर्गा की मूर्ति स्थापित होने वाले स्थान पर ही निर्माण करवाया जिसके लिए समिति ने कोलकाता से कारीगर बुलवाए थे। समिति के संरक्षक नरेश महेश्वरी के अनुसार इस बार की दुर्गा पूजा के लिए विशेष रूप से कारीगर बुलवाए गए थे जिन्होंने अपना कार्य बखूबी निभाया और मूर्ति को सजीव बना दिया। उन्होंने बताया कि मूर्ति स्थापना से उनकी विदायी तक रोजाना धुनुची की धुन पर मॉं की आरती होगी और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। समिति के सदस्यों ने षष्ठी पूजन और बोधन पूजन विधिवत रूप से किया । बंगाली समाज के भक्त  मां की आराधना कर दर्शन करते रहे । परंपरागत वेशभूषा में बंगाली समाज के लोगों ने  मां दुर्गा को प्रसन्न् करने के लिए आरती के साथ ही भजन आदि भी गाए और महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की आराधना की।