
संवाददाता
कानपुर। ककवन के विषधन में जय माँ दुर्गा रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला में लक्ष्मण शक्ति और लंका दहन लीलाओं का मंचन किया गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
मंचन की शुरुआत में मेघनाद ने युद्ध के दौरान लक्ष्मण को शक्ति बाण से मूर्छित कर दिया। इसके बाद हनुमान जी के अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट करने और उन्हें भगवान राम की मुद्रिका देने के दृश्यों को दर्शाया गया।
आगे की लीला में मेघनाद ने हनुमान जी को बंदी बना लिया और उन्हें रावण की सभा में प्रस्तुत किया। हनुमान जी और रावण के बीच धर्म और अधर्म पर हुए संवाद को कलाकारों ने सशक्त अभिनय से जीवंत किया।
रावण ने क्रोधित होकर हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया, जिसे मंच पर प्रभावी ढंग से दर्शाया गया। अगले ही पल, महाबली हनुमान ने अपनी बुद्धि और बल का प्रयोग करते हुए जलती पूंछ से पूरी लंका नगरी को जलाकर राख कर दिया। उन्होंने विशाल रूप धारण कर लंका की अटारियों पर कूद-कूद कर आग लगाई।
मंचन के दौरान विशेष प्रकाश और ध्वनि प्रभावों ने दृश्य को अत्यंत वास्तविक बना दिया, जिससे दर्शकों में रोमांच की लहर दौड़ गई। पूरा पंडाल ‘जय श्री राम’ के जयकारों से गूंज उठा।
इस अवसर पर जय मां दुर्गा रामलीला समिति के अध्यक्ष मिंटू दुबे, प्रदीप राठौर, सुनील शुक्ला, मिंटू राठौर, इंद्रेश राठौर, अशोक सक्सेना और तुलसीराम सहित कई सदस्य मौजूद रहे।






