
संवाददाता
कानपुर। विवाद के चलते संक्रमण रोग अस्पताल के मरीज फुटबाल बने हुए हैं। ये अस्पताल भले ही गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, कानपुर के अंडर में आता है, मगर कई वर्षों से ये अस्पताल कार्डियोलॉजी की जमीन पर बना हुआ है, मगर ये अस्पताल ट्रस्ट का हैं।
अब कार्डियोलॉजी अस्पताल का विस्तार हो रहा है। इसलिए संक्रमण रोग अस्पताल को खत्म करके वहां पर डे केयर यूनिट स्थापित की जा रही है। इसमें संक्रमण रोग अस्पताल की आधी बिल्डिंग को गिराया जा चुका है। आगे के हिस्से में सिर्फ ओपीडी संचालित हैं।
दो संस्थानों के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बीमारी से पीड़ित होकर मरीज दिखाने के लिए अस्पताल आते है। लेकिन यहां पर इस समय कोई भी व्यवस्था नहीं है। यदि ऐसे में मरीज को भर्ती होने को कहा जाता है तो उसे दूसरे भवन में ले जाया जाता है, जहां मरीजों के लिए केवल 3 बेड ही उपलब्ध हैं। व्यवस्थाओं के नाम पर सबकुछ शून्य हैं।
ट्रस्ट ने संक्रमण रोग अस्पताल को ये जमीन दी थी। इसलिए इस अस्पताल पर कानपुर मेडिकल कॉलेज अपना दावा कर रहा है। वहीं, संक्रमण रोग विभाग जिस जमीन पर है, वहां पर अब कार्डियोलॉजी प्रबंधन भी दावा कर रहा है। उसका कहना है कि ये जमीन कार्डियोलॉजी की है, जिसमें संक्रमण रोग अस्पताल चल रहा था।
खास बात तो ये है कि दोनों ही संस्थान इस जमीन के अपने-अपने कागज दिखा रहे हैं। जिलाधिकारी से लेकर लखनऊ में बैठे अधिकारियों तक मामला संज्ञान में है। इधर कार्डियोलॉजी ने जमीन पर निर्माण कार्य भी कराना शुरू कर दिया है।
अब सवाल उठता है कि क्या संक्रमण रोग अस्पताल को उसकी खुद की जमीन मिलेगी या नहीं। जमीन किसकी है किसकी नहीं, ये तो अभी तक ऊपर बैठे अधिकारी खुद भी नहीं तय कर पाए हैं।
नगर निगम से प्राप्त डीड के अनुसार कार्डियोलॉजी की इस जमीन को पार्वती बागला ट्रस्ट ने संक्रमण रोग विभाग के लिए दान में दी थी, लेकिन अचानक से ये फैसला कहा पर बदला गया, इसको लेकर जांच चल रही हैं।