November 7, 2024

आ स.संवाददाता 

कानपुर। एक निजी कम्पनी से नए सिरे से गृहकर लगाने को लेकर कराये गए जीआईएस सर्वे की गड़बड़ियों से खुद नगर निगम परेशान हो गया है। संपत्तियों का सर्वे कर रही आईटीआई लि. संस्था द्वारा खोजी गईं नई ढाई लाख से अधिक संपत्तियों की जांच में आधी से अधिक पहले से ही नगर निगम के पोर्टल पर दर्ज मिली है।
शासन की ओर से नामित संस्था आईटीआई कंपनी ने नगर निगम की गृहकर के मद में आय बढ़ाने के उद्देश्य से सर्वे शुरू किया था। नगर निगम ने जोनवार अफसरों को लगाया, ताकि एक-एक संपत्ति का निरीक्षण करने के  साथ ही संपत्ति का सत्यापन हो सके। इसके साथ ही आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों का भी मिलान हो सके।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने आदेश दिया है कि संस्था आईटीआई लि. द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण कार्यों में नई सम्पत्तियों एवं अनमैच्ड सम्पत्तियों का  जोनवार मिलान कराया जाए। जिसके तहत 25 नगर निगम कर्मी नागरिक सुविधा केन्द्र में तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही 75 आउटसोर्स कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। जो सर्वेक्षण में  आई गड़बड़ियों को दूर करेंगे।
जीआईएस सर्वे में लापरवाही से लोगों का गलत गृहकर निर्धारण हो गया है। शहर में लोग नये बढ़े हुये गृहकर के  बिलों से परेशान हैं। कई आवासीय भवनो में भी व्यवसायिक कर वसूलने के लिये नये बिल जेनरेट हो गये हैं।
जो लोग अपना गृहकर बिल जमा कर चुके हैं उनको फिर से नये सर्वे के अनुसार बिल भेजे जा रहे हैं। कुछ गृहकर बिलों में तो मनमानी 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई।