आ स. संवाददाता
कानपुर। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आईजीआरएस पोर्टल की खराब रैकिंग के लिए कड़ी फटकार लगाई है। नगर में आईजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायत निस्तारण का हाल बहुत ज्यादा खराब है। जिले की चारों तहसीलों के हजारों लोग हर माह अपनी शिकायतों के निस्तारित होने की आस लगाए रहते हैं, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चली जाती है। जिसका नतीजा ये है कि नवम्बर माह की रैंकिंग में जिले को 74वां स्थान मिला है।
पिछले माह अक्टूबर में मिली रैंक से जिला 12 अंक और पिछड़ गया है। अफसरों की लापरवाही के कारण 3599 शिकायतकर्ताओं से लिए गए फीडबैक में 2186 लोगों की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाया है।
जनसुनवाई की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही करने पर डीएम राकेश कुमार सिंह की सख्ती का कोई भी असर अफसरों पर नहीं हो रहा है। सख्ती के बाद भी कई विभाग के अफसर शिकायत निस्तारण में लापरवाही बरत रहे हैं।
आईजीआरएस पोर्टल पर अक्टूबर माह में कुल 11,062 शिकायतें आईं, जिसमें 768 का निस्तारण ही नहीं किया गया। इसके साथ सीएम पोर्टल पर 26 शिकायतें आईं, जिसमें पांच का निस्तारण नहीं किया गया। इसके साथ चारों तहसील के एसडीएम, बीडीओ, नगर निगम की लापरवाही के कारण 684 शिकायतों की दोबारा जांच कर अधिकारियों के स्तर पर स्पेशल क्लोज नहीं किया गया।
सीएम कार्यालय से शिकायतों का फीडबैक नकारात्मक मिलने पर उसे सीधा विभागाध्यक्ष की लॉगिन पर भेजी जाती है। जिसकी जांच कराकर अधिकारी को रिपोर्ट लगानी होती है। यह जाँच रिपोर्ट अफसरों ने नहीं लगाई है । जिस कारण जिले को 130 में 105 अंक हासिल करने पर 74वीं रैंक मिली।
जिले की खराब रैंक आने के बाद जिलाधिकारी ने एसडीएम, विभागाध्यक्षों और अन्य अफसरों को जमकर फटकार लगाई। शिकायत निस्तारण में कहां लापरवाही बरती जा रही है इसके जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए गए है।
अब जिलाधिकारी रैकिंग गिरने वजह रहे लापरवाह अफसरों की सूची तैयार कराकर सभी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं।