April 23, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  साइबर ठगी के शिकार एनआरआई डॉक्टर से ठगों के खाते से रकम वापसी के नाम पर 27 लाख घूस मांगने की जांच शुरू हो गई है। पीड़ित ने क्राइमब्रांच में अपना बयान दर्ज करा दिया है। पीड़ित ने जिस तारीख में बताया था कि उसे सेटेलमेंट और 27 लाख की डिमांड की गई थी। उस दिन पीड़ित की क्राइमब्रांच के रजिस्टर में एंट्री और सीसीटीवी फुटेज मिला है। जांच पूरी होते ही अगर आरोप सही पाए गए तो मामले में बड़ा एक्शन होगा।
गीता नगर काकादेव में रहने वाले एनआरआई डॉक्टर रमेश टंडन से 80.86 लाख की ठगी के मामले में साइबर थाने ने एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि साइबर ठगों के खाते में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा की रकम है, पुलिस ने उसे फौरन फ्रीज कर दिया गया था। आरोप है कि इसके बाद क्राइमब्रांच के तैनात तत्कालीन एसीपी मोहसिन खान और उनकी टीम ने ठगी की रकम 80.81 लाख लौटाने के बादले में 27 लाख रुपए की डिमांड रखी थी।
घूस की रकम नहीं देने पर उसे कोर्ट के आदेश के बावजूद रकम को एनआरआई रमेश टंडन के खाते में रिलीज करने की बजाए पंजाब के दूसरे केस में रिलीज कर दी गई। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत कोर्ट से लेकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर में की थी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले में जांच का आदेश दिया था। पीड़ित रमेश टंडन के भतीजे संजय टंडन ने सोमवार को शपथ पत्र के जरिए अपने बयान दर्ज कराए हैं।
पीड़ित के भतीजे संजय के शपथपत्र के अनुसार एनआरआई डा. रमेश टंडन से साइबर अपराधियों द्वारा 80,86,200 की ठगी की गई थी जिसकी प्रथम सूचना  दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात पुलिस द्वारा अभियुक्तों के दो खातों में  3,71, 20,710 रूपये डेबिट फ्रीज किया गया था। उक्त डेबिट फ्रीज होने के पश्चात दिनांक 09.09.2024 को थाने के एस आई प्रदीप ने कहा कि रुपया 25,58,461 आपको कोर्ट से रिलीज हो जाएगा शेष धनराशि में से अगर आप रुपया 27,00,000 हमको दे तो हम आपकी सम्पूर्ण धनराशि की वापसी करा देंगे। आप ए.सी.पी. साहब से बात कर ले। तत्कालीन ए.सी.पी. मोहसिन खान द्वारा भी रुपए वापसी हेतु एस आई प्रदीप की बात पूरी करने हेतु कहा गया।
धनराशि देने में असमर्थता व्यक्त करने पर उक्त लोगों द्वारा साजिशन माननीय न्यायालय द्वारा अवमुक्त किया गया रुपया 25,58,461 वापस नहीं दिलाया गया और केवल आश्वासन दिया जाने लगा।
काफी समय व्यतीत हो जाने पर न्यायालय में पुलिस द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन न कराए जाने के संदर्भ में प्रार्थना पत्र दिनांक 21.12.2024 को दिया जिस पर न्यायालय ने थाना साइबर क्राइम से आख्या मांगी।
थाना साइबर क्राइम के विवेचक शैलेन्द्र प्रताप सिंह की  हस्ताक्षरित रिपोर्ट न्यायालय में प्राप्त हुई। जब कोर्ट को पता चला कि क्राइमब्रांच ने फर्जीवाड़ा करके झूठी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की है। इसके बाद कोर्ट ने मौखिक रूप से मामले में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।
संजय टंडन ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी रकम वापस नहीं करने पर उन्होंने कंटेम्ट ऑफ कोर्ट दाखिल कर दिया। इस पर कोर्ट ने क्राइमब्रांच से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद क्राइमब्रांच के अफसरों ने मामले को छिपाने के लिए कोर्ट को भ्रमित करने के उद्देश्य से बैंक से हुए पत्राचार की प्रेषित ईमेल के वास्तविक तथ्यों को संशोधित कर कूट रचित तथ्यों से युक्त ईमेल बनाकर उस कूट रचित ईमेल की छायाप्रति न्यायालय को अपनी रिपोर्ट के संलग्नक के साथ प्रेषित की गई है। कोर्ट ने पुलिस के फर्जी रिपोर्ट देने का संज्ञान लिया। इसके बाद पीड़ित ने मामले में पुलिस कमिश्नर से शिकायत की और इस मामले में जांच बैठा दी गई।