November 21, 2024

नौ मंजिला इंमारत में बनेगा कॉम्प्लेक्स।

कानपुर। नगर में रोडवेज से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बेहद उत्साह जनक खबर है, नगर के सबसे बड़े शहीद मेजर सलमान खान अंतरराज्यीय झकरकटी बस अड्डे की सुविधाओं में अब चार चांद लगने वाले हैं। इस बस अड्डे को सीगल इंडिया लिमिटेड की ओर से 143 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। इसको कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है। माना जा रहा है जल्द ही कंपनी आपना काम शुरू कर देगी।
लखनऊ मुख्यालय के  आईटी और पीपीटी के महाप्रबंधक यजुवेंद्र सिंह ने बताया कि पीपीटी मॉडल के अंतर्गत इस बस अड्‌डे का कायाकल्प करने की योजना है। आगामी दो से तीन माह के अंदर ही काम शुरू हो जाएगा। पूरे काम में लगभग दो साल का समय लगेगा। यहां पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाए देकर बस अड्डे को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
डीबीएफओटी मॉडल के तहत कंपनी परियोजना की डिजाइन, निर्माण तथा वित्त का उत्तरदायित्त्व निजी भागीदार पर होता है। निजी भागीदारी 35 साल के लिए की जा रही है। बस अड्‌डे का संचालन पूरी तरह से कंपनी ही करेगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन ने झकरकटी में बस टर्मिनल और वाणिज्यिक परिसर के लिए बोली आमंत्रित की थी। इसके बाद सीगल इंडिया लिमिटेड कंपनी ने इसमें आवेदन किया था। इसकी परियोजना लागत 143 करोड़ रुपए थी। सीगल इंडिया को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत सबसे ऊंचा बोली दाता घोषित किया गया था। परिवहन निगम ने कंपनी को झकरकटी बस टर्मिनल के विकास और  स्थापना कार्य  के लिए अनुमति पत्र 4 अक्टूबर को जारी कर दिया था।
इस भागीदारी से बस यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलने के साथ ही सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे, आर्थिक विकास और शहरी पुनरुद्धार को भी इससे रफ्तार मिलेगी। इसके अंदर एक कार्मिशयल कॉम्प्लेक्स तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा यात्रियों के ठहरने के लिए वातानुकूलित कमरे होंगे। वेटिंग हॉल होगा। बसों के लिए प्लेटफार्म, पूछताछ काउंटर, एसी बसों के लिए अलग व्यवस्था, इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले, कैफेटेरिया जैसी सुविधाए शामिल होंगी। इसको लेकर कंपनी की टीम बस अड्डे का विस्तृत सर्वे पूरा कर चुकी हैं।
महाप्रबंधक यजुवेंद्र सिंह ने बताया कि बस अड्डे का कुल विकास 55183 वर्ग मीटर में किया जाएगा। इसमें 45 फीसदी हिस्सा कार्मिशयल रूप से प्रयोग किया जाएगा और 55 फीसदी हिस्सा बस अड्डे के लिए और एरिया बस टर्मिनल के निर्माण में प्रयोग किया जाएगा।