
संवाददाता
कानपुर। जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह जब जन समस्याओं की सुनवाई कर रहे थे, तभी एक महिला अपने 13 वर्षीय बेटे का हाथ थामे पहुँचीं। नाम पूछा गया तो उन्होंने खुद को अंजुलता निवासी नगर पंचायत माधौगढ़ जनपद जालौन बताया। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति नौकरी का झांसा देकर उन्हें तथा उनके बेटे कृष्णा को कानपुर ले आया और रास्ते में रुपये छीनकर फरार हो गया।
अब दोनों के पास न तो खाने के लिए कुछ था और न ही घर लौटने का किराया। अंजुलता की आंखों में चिंता और लाचारी देखकर माहौल भावुक हो गया।
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल नगर पंचायत माधौगढ़ के चेयरमैन राघवेंद्र व्यास से बात की। चेयरमैन ने पुष्टि की कि अंजुलता मोहल्ला माधौगढ़ निवासी रोहित सक्सेना की पत्नी हैं, और कुछ दिन पूर्व ही बेटे के साथ कानपुर गई थीं। उनके पति नशे की लत से पीड़ित हैं और यह परिवार दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन चला रहा था।
जिलाधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए दोनों के भोजन की व्यवस्था कराई और घर लौटने के लिए बस का किराया भी उपलब्ध कराया। मदद मिलते ही अंजुलता की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने भरभराई आवाज़ में डीएम का आभार व्यक्त किया। डीएम ने कहा कि शासन की मंशानुरूप हर जरूरतमंद की मदद करना हमारा कर्तव्य है।