September 19, 2025

संवाददाता
कानपुर।
भारत अब डिफेंस के क्षेत्र में लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। पहले भारत को कई हथियार और तकनीक के लिए रूस पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल से लेकर न्यूक्लियर सबमरीन तक, कई अहम परियोजनाओं पर भारत अपने दम पर काम कर रहा है।
यह बातें बुधवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के दीक्षांत समारोह में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहीं। वे इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
डॉ. कामत ने कहा कि पहले के समय में भारत की डिफेंस जरूरतें काफी हद तक रूस से पूरी होती थीं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने एस-400 हथियार सिस्टम का इस्तेमाल जरूर किया, लेकिन इसके अलावा ज्यादातर उपकरण भारत में ही तैयार किए गए।
उन्होंने कहा कि अब भारत उसी स्तर के और उससे भी ज्यादा एडवांस्ड सिस्टम खुद बना रहा है। खासकर लंबी दूरी की मिसाइल सिस्टम पर काम तेजी से हो रहा है, जिनकी रेंज 300 से 400 किलोमीटर तक होगी। यह भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत बनाएगा।
डॉ. कामत ने कहा कि भारत ने ड्रोन तकनीक में काफी बड़ी छलांग लगाई है। अब देश ऐसे ड्रोन बना रहा है, जो हाई रेंज तक काम कर सकते हैं। हालांकि अभी भी मोटर, बैटरी और कुछ जरूरी पुर्जों के लिए विदेशों पर निर्भरता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि धीरे-धीरे ये पुर्जे भी भारत में बनने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि इस दिशा में और तेज काम हो, ताकि पूरी तरह आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।
डीआरडीओ चीफ ने कहा कि आजकल साइबर डिफेंस की अहमियत और बढ़ गई है। भारत इस दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी काम हो चुका है और अभी कई नई परियोजनाओं पर रिसर्च जारी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्वांटम टेक्नोलॉजी पर भी तेजी से काम हो रहा है। आने वाले समय में यह भारत की डिफेंस क्षमता को और ऊंचाई पर ले जाएगा।
डॉ. कामत ने कहा कि आईआईटी और अन्य विश्वविद्यालय इस काम में लगातार सहयोग दे रहे हैं। देश के यंग माइंड्स और स्टार्टअप्स डिफेंस रिसर्च में नई ऊर्जा लेकर आ रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में कई भारतीय उपकरणों ने शानदार प्रदर्शन किया। इनमें ब्रह्मास्त्र, डी4 सिस्टम और एंटी-ड्रोन सिस्टम शामिल हैं।

डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि अब भारत हाइपरसोनिक मिसाइल और लेजर बेस्ड वेपंस पर काम कर रहा है। यह तकनीक भविष्य में भारत को और ज्यादा मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत अब चौथे नंबर की डिफेंस पावर है और लगातार आगे बढ़ रहा है।