कानपुर। मुम्बई की तर्ज पर कई सालों से शहर में गणेश महोत्स्व की धूम चरम पर पुहंच गयी है , नगर में छोटे बडे पान्डांलों में गणेश जी का पूजन भी उसी के तर्ज पर किया जाता है। बीते कई सालों से नगर में गणेश प्रतिमाओं की बिक्री की संख्या में वृद्धि भी होती जा रही है। जहां बीते साल तक शहर में गणेश पान्डालों की संख्या लगभग दो हजार के आसपास मानी जा रही थी वह अब बढकर तीन हजार के आसपास हो सकती है। नगर में 7 सितंबर से गणपति बप्पा की गूंज सुनाई देगी जो अगले 11 दिनों तक गुंजायमान रहेगी। इस बार कानपुर में भी इस त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। मूर्ति कलाकारों की माने तो हर साल की अपेक्षा इस साल 50 प्रतिशत अधिक मूर्ति की बिक्री हुई है। घरों के लिए लोगों ने 4 इंच से लेकर 4 फिट तक की मूर्ति खरीदी है तो वहीं, पांड़ालों के लिए 8 फिट की मूर्ति के ऑर्डर आए है।मूर्ति कलाकार संजय प्रकाश ने बताया कि इस बार लोग मूर्ति की खूबसूरती के साथ-साथ कुछ नया भी देखना पसंद कर रहे है, जैसे कि गणेश जी पर शेषनाग की छाया, मुस्कराते हुए गजानन। इस तरह की मूर्ति की मांग लोग ज्यादा कर रहे हैं।मूर्ति कलाकारों के अनुसार हर साल 2 हजार मूर्ति के आसपास का कारोबार करते थे, लेकिन इस बार लगभग 3 हजार मूर्ति का ऑर्डर एक मार्केट को मिला है। मतलब की लगभग 50 प्रतिशत मूर्ति की मांग इस बार बढ़ी है।छोटी-छोटी मूर्ति की डिमांड भी हर साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा रही हैं। घरों में लोग मिट्टी की मूर्ति की डिमांड करते है। मिट्टी की मूर्ति ले जाने का फायदा ये रहता है कि आप अपने घर पर ही बाल्टी में भगवान का विसर्जन कर सकते हैं। मूर्ति पूरी तरह से धुल जाएगी और फिर वो पानी पेड़ों में डाल दे।मूर्ति कलाकार सोनू ने बताया की दो से 5 फिट तक मूर्ति की डिमांड ज्यादा है। लगभग 60 प्रतिशत लोग इस साइज की मूर्ति को पसंद करते हैं, जहां पर बड़े पांडाल सजते है वहां पर 6 से 8 फिट तक की मूर्ति की डिमांड रहती है।