
संवाददाता
कानपुर। सावन की शुरुआत हो रही है। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को होगा, जिसको लेकर शहर के सभी शिवालयों में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है।
प्रमुख मंदिरों में रंगाई-पुताई के साथ सजावट भी की जा रही है। साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के साथ मंदिर प्रबंधन भी तैयारियों में लगे हैं।
श्री बाबा आनंदेश्वर मंदिर में सावन का पर्व मंदिर के मुख्य महंत व जूना अखाड़ा के संरक्षक हरिगिरी महाराज के सानिध्य में मनाया जाएगा। इस बार 40 से 50 सीसीटीवी कैमरे से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी। साथ ही पुलिस प्रशासन के साथ मंदिर के वालंटियर्स भी महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की लाइन लगवा कर बाबा के दर्शन कराने में लगे रहेंगे।
मंदिर के महंत अरुण गिरी महाराज ने बताया कि सावन के सोमवार को मंदिर के पट रात दो बजे मंगला आरती के बाद खुलेंगे। भोग आरती दोपहर 12:30 से डेढ़ बजे तक, संध्या आरती शाम 7:30 से 8:30 बजे तक और शयन आरती रात 12 से एक बजे तक होगी। सावन माह में सोमवार के अलावा बाकी दिन यही व्यवस्था रहेगी, बस मंगला आरती भोर में चार बजे होगी।
उधर कुरसवां स्थित बाबा खेरेपति मंदिर में नागपंचमी के दिन मेला लगता है। यह मंदिर नाग देवता का कहलाता है, इसलिए भव्य श्रंगार होता है। रात तक यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
नवाबगंज स्थित खेरेश्वर मंदिर में पूरे सावन रात साढ़े तीन बजे मंदिर के पट खुलेंगे। सुरक्षा में सिविल डिफेंस के लोगों की ड्यूटी सुबह साढ़े तीन से रात साढ़े नौ रात तक रहेगी। कमेटी के सेवक व पुलिस प्रशासन भी तैनात रहेंगे। साथ ही 28 सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। जागेश्वर प्रबंधक सभा के संयोजक जितेंद्र पांडे ने बताया कि पहले सोमवार 14 जुलाई को सुबह 11 से 12 बजे तक मंदिर में 76 किलो चांदी के गर्भ गृह के द्वार का उद्घाटन होगा।
दूसरे सोमवार 21 जुलाई को महादंगल का आयोजन होगा, जिसमें नेपाल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, सहारनपुर से 150 पहलवान हिस्सा लेंगे। वहीं 6 महिला पहलवान भी पुरुषों से भिड़ने को आएंगी।
तीसरे सोमवार को माता की रसोई का उद्घाटन होगा। अब बाबा के भोग का प्रसाद माता की रसोई में ही बनेगा। चौथे सोमवार चार अगस्त को अन्नपूर्णा भवन का उद्घाटन होगा।
पीरोड स्थित बनखंडेश्वर मंदिर में सावन की मंगला आरती चार बजे होगी और साढ़े चार बजे पट खुलेंगे। बाबा बनखंडेश्वर सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र दीक्षित, पुजारी रामनरेश मिश्रा व मोहित मिश्रा ने बताया कि नागपंचमी के दिन बाबा का फूलों से श्रंगार किया जाएगा।
साथ ही समय-समय पर भक्त मंदिर में रुद्राभिषेक भी कराएंगे। बाबा को जल चढ़ाने के लिए 11 सौ लोटे मंगाए गए हैं। मंदिर में पुलिस प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा और वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की गई है। भक्तों को फलों का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर के पट सुबह चार बजे खोले जाएंगे। आरती के बाद बाबा का रुद्राभिषेक होगा।






