October 23, 2024

आ स. संवाददाता 

कानपुर। नगर में बढ़ते जाम की समस्या से जूझ रहे नगरवासियों को बेहतर यातायात की व्यवस्था देने में यातायात पुलिस अपने अथक प्रयासों के बाद भी नाकाम नजर आ रही है। जिसका मुख्य कारण बढ़ते वाहनों की संख्या है। रोज बढ़ रहे वाहनों ने यातायात व्यवस्था को पंगु बना दिया है। जिसमे ईरिक्शे की संख्या बहुत अधिक है, नगर में चल रहे एक लाख से अधिक ई रिक्शा यातायात व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा है। अराजकता का आलम यह है कि  कुछ वाहन ऐसे भी बेधडक दौड़ रहे है, जिनकी रोड पर चलने की समय सीमा समाप्त हो गई है। लेकिन फिर भी चोरी छिपे ऐसे वाहन रोड पर चल रहे है। यही अवैध रूप से चल रहे वाहन ही हादसों का कारण बन जाते है। 

आरटीआई द्वारा मांगी गई एक सूचना के अनुसार नगर में 1 जनवरी 2023 से 1 जनवरी 2024 तक यातायात विभाग द्वारा नियमों के उल्लंघन में ई रिक्शो के किये गए  ई- चालानों की संख्या – 46,595 है, जिसमें दंड के रूप में जो राशि है वो पांच सौ से एक हज़ार तक की है जिसके द्वारा राजस्व की प्राप्ति लगभग चार करोड़ तक है। आंकड़ों के हिसाब से यातायात पुलिस प्रतिदिन लगभग सौ से अधिक ई रिक्शा का चालान करती है। लेकिन उसके बाद भी ईरिक्शा चालक धड़ल्ले से चौराहों पर खडे होकर नियमों का उल्लंघन कर सवारियां ढोते है।

इसी आरटीआई में यातायात विभाग ने यह भी बताया है कि विभाग द्वारा यातायात सुधार के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत नगर में कुल 587 कैमरा लगाये गये थे । जिनमें वर्तमान समय में 564 कैमरे पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं। इन कैमरो के द्वारा यातायात पुलिस नगर की यातायात व्यवस्था पर नियंत्रण रखती है। लेकिन इतने बड़े नगर के लिए इतने कैमरो की संख्या पर्याप्त नहीं है।

चौराहो पर लगी ट्रैफिक लाइटे और ट्रेफिक संकेतक प्रायः खराब रहते है। ये संकेतक सही होने पर भी यातायात चलाने का काम सिपाही द्वारा किया जाता है।और यातायात विभाग की व्यवस्थाए लचर ही दिखाई देती है।

मेट्रो सिटी होने की वजह से नगर की यातायात व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया जाना परम् आवश्यक है।