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आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर ने ऐकेडेमिक एण्ड करियर काउंसिल तथा मीडिया एण्ड कल्चरल काउंसिल के सहयोग से एक प्रेरक सत्र कला, प्रभाव, कौशल विकास और प्रेरणा सशक्तीकरण परिवर्तन और समुदायों के परिवर्तन का आयोजन किया गया।
इस सत्र में प्रसिद्ध कलाकार और समाज सुधारक रूबल नागी ने भाग लिया, जिन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिए कला को एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की अपनी प्रेरक यात्रा साझा की।
इस अवसर पर पद्मश्री प्राप्तकर्ता प्रो. आशुतोष शर्मा की उपस्थिति विशेष आकर्षण रही, जिन्होंने रूबल नागी के साथ एक आकर्षक चर्चा का संचालन किया। छात्रों ने विचारोत्तेजक वार्तालापों और इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें यह पता लगाया गया कि रचनात्मकता किस प्रकार सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा दे सकती है और नेतृत्व, अंतःविषय शिक्षा और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे सकती है।
रूबल नागी ने झुग्गी-झोपड़ियों में पेंटिंग के अपने अनुभवों, वंचित समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने प्रयासों और महिला सशक्तिकरण के प्रति अपने जुनून से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मिसाल के रूप में, उन्होंने कला और शिक्षा के गहन प्रभाव को प्रदर्शित करते हुए 1,55,000 से अधिक घरों को बदल दिया है। उन्होंने अपनी पुस्तक, द स्लम क्वीन (2022) पर भी चर्चा की, जो सामाजिक परिवर्तन की उनकी प्रेरक यात्रा का वर्णन करती है। उपस्थित लोगों को पुस्तक की निःशुल्क प्रतियाँ प्राप्त हुईं, जिससे उनके प्रभावशाली कार्य के बारे में उनकी समझ और समृद्ध हुई।
रूबल नागी की उपलब्धियों में 2017 में राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली पहली कलाकार होना शामिल है, जिसमें भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनके कार्य का चयन किया गया था।
स्टूडेंट जिमखाना काउंसिल के प्रतिनिधियों योगेश आरजी सिंह, उत्कर्ष गुप्ता, अमन शुक्ला, अपूर्व टंडन और राम रतन अग्रवाल ने गणमान्य अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम ने रचनात्मकता, नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी कानपुर की प्रतिबद्धता को मजबूत किया और छात्रों को अधिक समावेशी और सशक्त समाज में योगदान देने के लिए अभिनव तरीके तलाशने के लिए प्रेरित किया।