December 26, 2024

आ स. संवाददाता 

कानपुर। आईआईटी ने साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। नई और बेहतरीन तकनीक लाने के साथ-साथ विशेषज्ञों की भी टीम तैयार की है। इसको देखते हुए इस साल डीएससीआई एक्सीलेंस अवार्ड मिला है।

आईआईटी के सी-3 आई हब ने साइबर सिक्योरिटी से संबंधित कई काम किए है। लोगों के साथ साइबर हमले को कैसे रोका जा सकता है। बैंकिंग के क्षेत्र में किस तरह से और मजबूती प्रदान की जा जा सकती हैं। इस ओर संस्थान ने काफी काम किए है।
इसके अलावा पिछले दो साल में लगभग एक लाख लोगों को साइबर सुरक्षा संबंधी जानकारी प्रदान कर उन्हें विशेषज्ञों के रूप में तैयार किया है, जो कि विभिन्न संस्थानों में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
नैसकाम-डीएससीआई इंफार्मेशन सिक्योरिटी समिट का आयोजन दिल्ली में पिछले दिनों आयोजित हुआ था। उसी में ये पुरस्कार आईआईटी कानपुर को प्रदान किया गया। इस अवार्ड के मिलने से संस्थान के निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल समेत सभी प्रोफेसरों ने खुशी जाहिर की है।
साइबर सुरक्षा शिक्षा और साइबर सुरक्षा शोध क्षेत्र में आईआईटी के सी-3 आई हब के काम का मूल्यांकन करने के बाद नैसकाम ने पुरस्कार की घोषणा की। नैसकाम हर साल साइबर सुरक्षा और डाटा सुरक्षा को लेकर काम करने वाले संस्थान, स्टार्टअप और वैज्ञानिकों को सम्मानित करता है।
आईआईटी कानपुर का सी-3 आई हब साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ तैयार करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का संचालन कर रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के नौ बैच पूरे हो चुके हैं, जिसमें 450 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके लिए सेना, बैंक, ऊर्जा कंपनियों के अधिकारियों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए गए हैं।
साथ ही ई मास्टर्स प्रोग्राम में अब तक 100 से अधिक लोगों को डिग्री दी जा चुकी है। हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. संदीप कुमार शुक्ला के अनुसार अब तक 10 हजार लोगों को सी-3 आई हब और एक लाख से ज्यादा युवाओं को कानपुर विश्वविद्यालय के साथ मिलकर हिंदी में साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा चुका है।