December 27, 2025

संवाददाता

कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के  सी3आईहब ने इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन के अधिकारियों के लिए समुद्री साइबर सुरक्षा पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण आईआईटी कानपुर के नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में आयोजित हुआ।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के समुद्री और बंदरगाह क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की तैयारियों को मजबूत करना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से जुड़े उभरते साइबर खतरों से निपटने की क्षमता विकसित करना था। प्रशिक्षण के दौरान नियामक एवं अनुपालन आवश्यकताओं, सोशल मीडिया खतरा विश्लेषण और डार्क वेब स्टडी, ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस जांच और संदिग्ध प्रोफाइलिंग, डिजिटल फॉरेंसिक्स और घटना प्रतिक्रिया, नेटवर्क सुरक्षा आंकलन तथा क्लाउड सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत सत्र आयोजित किए गए।

कार्यक्रम में इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंद भिसिकर, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र, एनटीआरओ इकाई के अखिलेश वरियार, आईपीएस तथा सी3आईहब की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. तनिमा हाजरा उपस्थित रही। सभी वक्ताओं ने समुद्री क्षेत्र के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि सी3आईहब के माध्यम से आईआईटी कानपुर देश की महत्वपूर्ण अवसंरचना को सशक्त बनाने के लिए निरंतर क्षमता निर्माण और उन्नत साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। ऐसे सुव्यवस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो शैक्षणिक विशेषज्ञता और वास्तविक साइबर सुरक्षा अनुभव को जोड़ते हैं, समय की आवश्यकता हैं और भारत के बंदरगाह एवं समुद्री क्षेत्र को उभरते साइबर खतरों से निपटने में सक्षम बनाएंगे।

तकनीकी सत्रों का संचालन टीसीआईएल से ओमप्रकाश मिश्रा तथा एसएपी से दीपांशु पाराशर, युगल पाठक और प्रशांत के. ने किया, जिन्होंने उद्योग के दृष्टिकोण से व्यावहारिक अनुभव साझा किया।

सी3आईहब की ओर से मुख्य रणनीति अधिकारी डॉ. आनंद हांडा, सेवानिवृत्त कमांडर भीम रेड्डी, धीरज दीक्षित सीआईएसएम और राहुल शुक्ला भी उपस्थित रहे और कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दिया।

इस प्रकार की पहलों के माध्यम से सी3आईहब, आईआईटी कानपुर महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा क्षमता निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है, जिससे भारत की डिजिटल विश्वसनीयता और समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिल रही है।

Related News