
संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विधानसभा में जाकर 2 दिन की क्लास लेंगे। इस क्लास में 4 प्रोफेसर शामिल होंगे। विधायकों को इस क्लास में एआई टेक्नोलॉजी के बारे में बताया जाएगा और यह भी बताया जाएगा की वह किस टूल का प्रयोग करें।
एआई के कौन-कौन से टूल अच्छे हैं और कौन-कौन से टूल खराब है। इसकी पहचान कैसे की जा सकती है। इन सभी विषयों के बारे में दो दिन तक क्लास चलेगी।
आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. नितिन सक्सेना ने बताया कि विधान सभा में विधायकों को बताया जाएगा कि वह चैट जीपीटी का प्रयोग अपने किस-किस कामों के लिए कर सकते हैं।
अपनी किसी फाइल को बनाने में, किसी सर्वे को करने में किसी तरह से इस टूल का प्रयोग करें और इसके प्रयोग में क्या-क्या सावधानी बरतें, इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
प्रो. सक्सेना ने बताया कि चैट जीपीटी का प्रयोग करते समय सबसे पहले ये ध्यान रखना होता है कि यहां पर सब कुछ सही नहीं होता है। उसकी त्रुटियों को पहचानना बहुत जरूरी है। उन गलतियों को कैसे पकड़े। इसके लिए भी बताया जाएगा।
संस्थान में जो भी सॉफ्टवेयर तैयार किए गए है, उनके उदाहरण भी वहां पर पेश किए जाएंगे, ताकि विधायक गण उसको अच्छे से समझ सके।
दो दिन के इस सत्र के बाद विधायक संस्थान में आकर भी प्रशिक्षण ले सकते हैं।
प्रो. सक्सेना ने बताया कि जो भी विधायकों को बताया जाएगा वो पब्लिक के बीच उन्हें आसानी से उपलब्ध है। इसलिए इसे समझने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। एआई में जो गलतियां हो रही है उसे कैसे समझे ये महत्वपूर्ण होगा।
एआई से संबंधित इकोनॉमिक्स के सवालों को भी पढ़ाया जाएगा। प्रदेश सरकार की ये पहल काफी सराहनीय है। आने वाला समय इसी का है।