
आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर ने कानपुर देहात के 15 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए एक शैक्षिक दौरे की मेजबानी की है । रणजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र द्वारा आईआईटी कानपुर के स्पेस विभाग और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सहयोग से आयोजित इस पहल का उद्देश्य युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासा और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
सभी छात्रों का स्वागत करते हुए रोज़ी शिक्षा केंद्र के प्रो. सुधांशु एस सिंह ने इस तरह के आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, संस्थान की पोस्ट-डॉक्टरल फेलो डॉ. तेजप्रीत कौर ने सौर मंडल पर एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया, जिसमें छात्रों को क्रेटर निर्माण के व्यावहारिक प्रदर्शन से जोड़ा गया। इस सत्र में वॉयजर 1 और 2 मिशनों के माध्यम से आकाशगंगा वर्गीकरण और गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण पर भी चर्चा की गई। छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और एक गतिशील प्रश्नोत्तर चर्चा में भाग लिया।
छात्रों के अनुभव को आगे बढ़ाते हुए प्रो. बुशरा अतीक ने जेनेटिक कोडिंग और जीवन के आणविक आधार पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किस तरह जेनेटिक म्यूटेशन, पर्यावरणीय प्रभाव और जीवनशैली कारक कैंसर के विकास में योगदान करते हैं। उनके व्याख्यान ने छात्रों को सेलुलर म्यूटेशन और जेनेटिक शोध के व्यापक निहितार्थों की गहरी समझ प्रदान की।
छात्रों को आईआईटी कानपुर की अत्याधुनिक शोध प्रयोगशालाओं का दौरा करने का भी अवसर मिला, जहाँ उन्होंने हाई-रिज़ॉल्यूशन माइक्रोस्कोप सहित उन्नत वैज्ञानिक उपकरणों का अवलोकन किया। उन्होंने शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की, जिससे उन्हें वैज्ञानिक अन्वेषण और नवाचार की दुनिया से सीधे तौर पर परिचित होने का मौका मिला।
यह दौरा जमीनी स्तर पर विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी कानपुर के समर्पण को दर्शाता है, जो अगली पीढ़ी के नवोन्मेषकों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करता है। इस तरह के आउटरीच प्रयासों के माध्यम से, आईआईटी कानपुर शैक्षणिक संस्थानों और स्कूल स्तर की शिक्षा के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की विशाल संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।