September 19, 2024

निगम के घोटालों के विषय मे शासन नही ले रहा कोई सुध।

कानपुर। उत्तर प्रदेश लघु निगम के विषय मे विश्ववार्ता ने अनेको विभागीय अनियमितताओं और घोटालों से अवगत कराया है उसी क्रम में सेवानिवृत सहायक प्रबंधक मनोज शुक्ला के द्वारा सुनील यादव की शिकायत राज्य सूचना आयोग से भी की गई है आयोग आदेशानुसार निगम स्वयं एक जांच कमेटी गठित कर तत्काल प्रभाव से आवश्यक कार्यवाही करें या फिर निगम जांच करने में अक्षम हो तो आयोग स्वयं विजिलेंस जांच करायेगा जिसके जवाब में प्रबंध निदेशक राजेश कुमार ने एक जांच कमेटी गठित करी जिसमे वित्त एवं लेखा अधिकारी मालिनी सिंह संग अन्य अधिकारियों को समलित किया गया था परंतु पिछले पांच महीने गुजर चुके है। फिर भी अपनी तिकड़म  के चलते सुनील यादव कुर्सी पर विराजमान है साथ ही कई प्रभारों को का संचालन कर रहे है राज्य सूचना आयोग के अध्यक्ष के द्वारा निगम प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई गई थी कि इसकी जांच जल्दी से जल्दी की जाए लेकिन निगम सुनील यादव के वर्चस्व के चलते निगम में कोई भी अधिकारी उसकी जांच को पूर्ण करने के लिए तैयार नहीं है  सुनील यादव जब लगभग चार वर्ष एरिया मैनेजर मुरादाबाद रहा वही के एक असिस्टेंट मैनेजर ने बताया है कि सुनील यादव ने वहां पर कई फाइलों में अनुमोदन नहीं दिया है बिना अनुमोदन के ही करोड़ों भुगतान किया गया है जो प्रत्येक माह का पांच से छह करोड़ तक होता है मुरादाबाद के एरिया मैनेजर के रूप में पिछले 5 सालों में कमाए हुए धन का उपयोग उसने अपने गांव में करोड़ों रुपए की खेती लेकर किया सुनील यादव मुरादाबाद का एरिया मैनेजर रहते हुए कानपुर में बैठता था और वहां पर मुरादाबाद के डीएम के यहां जो समीक्षा बैठक होती थी वहां पर आउटसोर्सिंग के कर्मचारी को एरिया मैनेजर बनाकर भेजता था उसका निगम द्वारा आदेश मुरादाबाद में बैठने का था लेकिन वह कानपुर में ही रहकर पूरा मुरादाबाद मंडल का काम अकेले यहां से देखा करता था।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के मेंटेनेंस का काम भी उत्तर प्रदेश उद्योग निगम के पास है  जो करोड़ों में है जिसका 50 परसेंट कार्य सुनील यादव के पास है जिसमे उड़ीसा महाराष्ट्र आदि प्रान्तों का काम भी सुनील देख रहा है जिसकी एक अलग टीम गठित करी गई है जिसमे पूरा दारोमदार आउटसोर्सिंग पर ही है। सेवानिवृत्त मनोज शुक्ला ने दूरभाष के द्वारा बातचीत में बताया की उनके द्वारा जन सूचना मांगी गई थी सुनील यादव के बारे में जो आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई है वो वर्षो से निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के विषय मे शासन को निरंतर लिख रहे है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई न कोई सुध ली गई है। सुनील यादव की अनियमितताओं और घोटालों के क्रम बहराइच में आउटसोर्सिंग कर्मचारी चंद्र प्रकाश त्रिवेदी को चुनाव में सेक्टर मजिस्ट्रेट के लिए अनुमोदित कर दिया था जो कि नियमावली के विरुद्ध है जिसने चुनाव डयूटी भी करी और प्रमाण पत्र भी चुनाव आयोग से प्राप्त किया मनोज शुक्ला का कहना है यदि निगम की जांच शासन सीबीआई से करा दे तो हज़ारो करोड़ का घोटाला सामने आयेगा लेकिन ये लोग अपने धनबल से सब दबाये हुए है