संवाददाता
कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में आरटीई 2009 की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
इस बैठक में 40 ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रबन्धको को बुलाया गया था, जिन्होंने आरटीई के अंतर्गत प्रवेश बहुत कम प्रवेश लिए है या जिन विद्यालयों की आरटीई के अंतर्गत प्रवेश नहीं लिए जाने की शिकायते प्राप्त हो रही है।
इस बैठक में 5 विद्यालय अनुपस्थित रहे।उनको नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए है ।
इस बैठक में नगर के 35 विद्यालय सम्मिलित हुए एवं 5 विद्यालय अनुपस्थित रहे जिनके विरूद्ध नोटिस दी जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रबन्धकों को निर्देशित किया गया कि आरटीई-2009 की धारा 12(1)(ग) के अंतर्गत जनपद के सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत प्रवेश लें, यदि किसी विद्यालय द्वारा प्रवेश नहीं लिया जाता है तो शासकीय आदेशों की अवहेलना पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी एवं आरटीई एक्ट एवं अन्य अधिनियमों के अंतर्गत जुर्माना अधिरोपित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने समस्त उपस्थित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रबन्धकों को निर्देशित करते हुए कहा कि आरटीई के शासनादेश में बच्चें को आउट ऑफ वार्ड दर्शाकर प्रवेश से इन्कार नहीं जा सकता है। यदि कमेटी द्वारा उनके विद्यालयों में बच्चों के नाम भेजे गए है तो प्रत्येक स्थिति में उनके एडमिशन लेना ही होगा।
जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि एडमिशन न लेने वाले विद्यालयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अभिभावकों से वार्ता करते हुए आने वाली समस्याओं को दूर कर हर हाल में बच्चों के एडमिशन करना सुनिश्चित करें ।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि विद्यालय की मान्यता लेते समय महत्वपूर्ण शर्ते होती है जिसमें प्रमुख रूप से आरटीई -2009 की धारा 12(1)(ग) के अंतर्गत 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश लेना विद्यालय की अनिवार्यता होती है लेकिन विद्यालय इस अनिवार्यता को पूरा नहीं करते है। सभी विद्यालयों का लक्ष्य के सापेक्ष आरटीई के अंतर्गत प्रवेश अवश्य लेना है ।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, अपर जिलाधिकारी न्यायिक कानपुर नगर, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रबन्धक उपस्थित रहे।