March 15, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
एक बरगद का पेड़ काटना नगर आयुक्त और वन विभाग के लिए गले की फांस बन गया है। रेव मोती मॉल के पास स्थित इस बरगद के पेड़ को काट दिया गया था। जिस पर इलाकाई लोगों ने विरोध भी किया था। इसी प्रकरण में सेन्ट्रल बार एसोसिएशन की तरफ से मानवाधिकार आयोग में शिकायती प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था।
आयोग की तरफ से इस मामले में वन विभाग और नगर आयुक्त से जवाब मांगा गया। उनके द्वारा रिपोर्ट दाखिल न करने पर मानवाधिकार आयोग की तरफ से सख्त टिप्पणी करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीण फाइटर एडवोकेट ने बताया कि 15 नवम्बर 2024 को नगर निगम व वन विभाग के अधिकारियो की साँठ गाँठ से बरगद के एक पुराने पेड़ को काट डाला गया था। इसका विरोध होने पर दोनों विभाग एक दूसरे को पेड़ काटने का जिम्मेदार बताते रहे। नगर निगम के अफसरों का कहना था कि वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही उन्होंने पेड़ कटवाया है। बाद में उन्होंने कहा कि, वन विभाग के लोगों ने ही स्वयं पेड़ काटा है। जबकि प्रभागीय वन  निदेशक  ने इस बात से इन्कार किया था।
3 दिसम्बर 2024 को पूरे मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराते हुए हरे भरे वृक्ष को कटवाने के जिम्मेदार नगर निगम व वन विभाग के अधिकारियो के विरूद्ध विधिक कार्यवाही करके उन्हे दण्डित करने की माँग की गई थी।
आयोग ने प्रभागीय वन निदेशक एवं नगर आयुक्त से इस संबंध में 17 जनवरी 2025 तक रिपोर्ट तलब की थी। दोनों की तरफ से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। 

इसके बाद आयोग के सदस्य जस्टिस आरएल मेहरोत्रा ने दोनों अधिकारियों के आचरण को अत्यन्त आपत्तिजनक बताते हुये चेतावनी दी है कि 27 फरवरी 2025 तक प्रत्येक दशा में दोनों अधिकारी अपनी अपनी रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत कर दे अन्यथा उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी 2025 को होगी।