July 13, 2025

—बनाए गए अलग वार्ड, स्टाफ और नर्स को दी गई ट्रेनिंग।

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
अप्रैल के शुरुआत में ही गर्मी अपना विकराल रूप दिखाने लगी है। इससे निपटने के लिए अस्पतालों ने भी कमर कसनी शुरू कर दी हैं। इसके लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में दो अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं।
हैलट अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि बड़ों के लिए जहाँ 12 बेड संरक्षित किए गए है तो वहीं बच्चों के लिए 20 बेड संरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा वार्ड के सभी स्टाफ और नर्सों को ट्रेनिंग दी गई हैं।

डा. सिंह ने बताया कि नोडल अधिकारी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बीपी प्रियदर्शी को बनाया गया है। उनके द्वारा सभी स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिए सब इंतजाम किए गए हैं।
डॉ. आरके सिंह ने बताया कि पोस्टर, बैनर और होर्डिंग के जरिए हम लोग अस्पताल में आने वाले सभी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। सरकार की जो भी गाइड लाइन मिली है, उसका पालन किया जा रहा है।
मार्च माह के अंत में ही शहर का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। तापमान बढ़ने की वजह से हीट वेव की आशंका इस बार ज्यादा बढ़ गई हैं।
गर्मी बढ़ते ही अस्पतालों में सिर दर्द, चक्कर आना, बेहोशी, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन आदि समस्याओ से ग्रस्त कई मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है। ऐसे में मुख्यमंत्री के आदेश पर सभी अस्पतालों में इस प्रकार के आने वाले मरीजों का डाटा अलग से तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का आदेश मिलते ही शहर के सभी अस्पतालों ने हीट वेव से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। सीएमओ डॉ. हरीदत्त नेमी ने बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को अस्पताल में 5 बेड का हीट स्ट्रोक वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए है।
इसके अलावा जिला अस्पताल उर्सला, महिला जिला अस्पताल डफरिन और कांशीराम अस्पताल में 10-10 बेड का एक वार्ड तैयार किया गया है। इन सभी अस्पतालों में यह वार्ड हीट वेव से ग्रस्त होकर आने वाले मरीजों के लिए रिजर्व रहेंगे।