— उर्सला या अन्य अस्पतालों में जाने को मजबूर हो रहे झुलसे मरीज।
कानपुर। हैलट अस्पताल में पांच साल से बर्न वार्ड का निर्माण चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका। यह अलग बात है कि कार्यदायी संस्था ने कागजों में बर्न वार्ड का निर्माण कर दिया। बर्न वार्ड का निर्माण कार्य पूरा न होने से झुलसे मरीज उर्सला या अन्य अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल की इमरजेंसी के सामने 2019 से बर्न वार्ड का निर्माण हो रहा है। इस बर्न वार्ड को राजकीय निर्माण निगम करा रहा है, लेकिन पांच साल बाद भी अधूरा है। बर्न वार्ड में ऑक्सीजन पैनल, ऑक्सीजन लाइन लगाने, बिजली के लिए ट्रांसफार्मर लगाने और यहां तक की इंटर लॉकिंग लगाने समेत कई कार्य अधूरे पड़े हैं। इसको लेकर कई बार हैलट अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रो. संजय काला ने संबंधित कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। वहीं अपनी साख बचाने के लिए कार्यदायी संस्था ने प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन को झूठी रिपोर्ट प्रेषित कर दिया कि बर्न वार्ड की यूनिट बनकर तैयार हो चुकी है। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने शुक्रवार को बताया कि हैलट अस्पताल में लगभग 18 जिलों के मरीज आते हैं। बर्न वार्ड यूनिट तैयार न होने से मरीजों को जिला अस्पताल उर्सला या प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होना पड़ता है। यहां पर पांच साल पहले बर्न वार्ड यूनिट का निर्माण कार्य शुरु हुआ जो आज भी अधूरा है। कार्यदायी संस्था ने झूठी रिपोर्ट प्रमुख सचिव को प्रेषित की है और कालेज अपने स्तर पर जांच रिपोर्ट तैयार कर जल्द शासन को भेज देगा। शासन से मांग की जाएगी कि जल्द बर्न वार्ड को संचालित कराया जाये। इसके साथ ही मांग की जाएगी कि बर्न वार्ड को संचालित करने के लिए स्टॉफ की भी व्यवस्था की जाये।