August 2, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज कानपुर के हैलट अस्पताल का बर्न वार्ड इस बार भी गर्मी में मरीजों के लिए नहीं तैयार नहीं हो पाएगा। निर्माण करने वाली संस्था की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ेगी। कई बार डेड लाइन निकल जाने के बाद भी संस्था अपना काम पूरा नहीं कर सकी है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि 2019 में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के माध्यम इसे बनाने का काम शुरू किया गया था। इसकी अनुमानित लागत 4.77 करोड़ रुपए है । इसमें 26 बेड होंगे। इस वार्ड को 2 साल में बनकर तैयार होना था, लेकिन कोविड आ जाने के कारण काम बीच में ही बंद हो गया।
प्रिंसिपल डॉ. काला ने बताया कि जो भी निर्माण कार्य हुआ है वह काफी घटिया है। इसमें जगह-जगह से प्लास्टर टूट रहा है। टाइल्स भी उखड़ने लगे हैं। इस कारण इसकी शिकायत शासन से की गई है। इसकी गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। स्थिति ऐसी हो गई है कि हैंडओवर लेने के बाद इसे फिर से अपने रेनोवेट कराना पड़ेगा।
गर्मियों में आग से जलने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती हैं। करीब 18 जिलों के मरीजों को यहां पर रेफर किया जाता है, ताकि बेहतर उपचार मिल सके, लेकिन बर्न वार्ड न होने के कारण मरीजों को उर्सला अस्पताल भेजा जाता है या फिर तीमारदार मरीज को प्राइवेट अस्पताल में लेकर चले जाते हैं।
भवन में जो वार्ड बनाया गया है उसके अंदर कमरे में लगे टाइल्स अपने आप ही उखड़ने लगे हैं। इतना ही नहीं खिड़की दरवाजे में भी बहुत ही हल्की क्वालटी का प्रयोग किया गया है। कई जगहों पर प्लास्टर भी झड़ने लगा है। दीवारों के कोने टूटने लगे हैं।
डॉ. काला ने बताया कि निर्माण करने वाली संस्था ने अपने कागजों में बिजली के लिए ट्रांसफार्मर का कोई जिक्र ही नहीं किया था। कई बार कहने के बाद और बजट देने के बाद भी काम नहीं हो रहा था। अब अप्रूवल आ गया है। इसमें एक ट्रांसफार्मर अलग से लगाया जाएगा।
डॉ. काला ने कहा कि प्रोजेक्ट बनाते समय ही संस्था ने कई चिजों को ध्यान में नहीं रखा है, जैसे की ट्रांसफार्मर का काम नहीं लिया। इसके चारों तरफ टाइल्स लगने है, ये कार्य भी संस्था की ओर से नहीं किया गया, जबकि ये कार्य अवश्य करना चाहिए था। कार्य की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है। जो भी कार्य किया उसका एस्टीमेशन करके ठीक स आकलन नहीं किया गया। अभी फॉयर एनओसी भी नहीं मिली हैं।
इसलिए इस वार्ड को शुरू होने में करीब 6 माह का समय अभी और लगेगा। इसके साथ ही स्किन वार्ड भी शुरू कर दिया जायगा। 

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