September 17, 2024

कानपुर। उर्सला अस्पताल के डॉक्टर की ओर से आयुष्मान कार्ड धारक से इलाज के नाम पर  15 हजार रुपए मांगने का मामला प्रकाश में आने से चिकित्सा विभाग में हडकम्प  मच गया है। पीडित मरीज ने सरकारी डाक्टर के खिलाफ सीधे मुख्यमन्त्री से शिकायत दर्ज की है। माना जा रहा है कि मुख्यमन्त्री कार्यालय से पीडित मरीज को न्याय दिलाए जाने का भरोसा दिया गया है। इसके बाद भी पीडित पक्ष के समर्थक सरकारी डाक्टर के खिलाफ कार्यवाई की मांग पर डटे हैं। बतातें चलें कि पैर टूटे मरीज को प्‍लास्‍टर चढवाने  के एवज में डाक्‍टर ने उससे हजारों रुपए की मांग कर डाली परिजनों ने रुपए देने में असमर्थता जाहिर की तो गुस्साए डॉक्टर ने उनकी एक न सुनी बल्कि बिना ऑपरेशन करे ही पैर में प्लास्टर बांध दिया, जबकि मरीज का दो जगह से पैर टूटा था। मैकरार्बटगंज निवासी राजू पैंथर के पैर की हड्डी दो जगह से टूटी है। राजू के परिवार के लोग समाज सेवी पैंथर धनीराम बौद्ध से मिले और उन्हे घटना की पूरी जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि करीब एक हफ्ते पूर्व राजू को उर्सला अस्पताल के आर्थों विभाग में भर्ती कराया है। यहां पर आर्थों सर्जन डॉ. आशीष मिश्रा की देखरेख में इलाज चल रहा है।डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के नाम पर 15 हजार रुपए की मांग की थी। जब रुपए देने में असमर्थता जाहिर की तो उन्होंने बिना ऑपरेशन के ही प्लास्टर बांध दिया। इसके बाद धनीराम बौद्ध ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और डीएम से की।अस्पताल के अस्थि रोग विभाग में भर्ती मरीज राजू का आरोप है कि डॉक्टर ने आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उनसे सर्जरी के लिए जरूरी इंप्लांट के लिए रुपए मांगे हैं। रुपए नहीं देने पर पांच दिन तक कोई देखने नहीं आया।शुक्रवार को अस्पताल में पहुंचकर मरीज राजू के स्वजन पैंथर धनीराम बौद्ध ने पूरे मामले की जानकारी उर्सला अस्पताल के निदेशक डा. एचडी अग्रवाल को दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बिना रुपए लिए इलाज नहीं किया जा रहा है। अस्पताल में तीमारदार से डाक्टर, स्टाफ, नर्स और कर्मचारी सभी मनमानी करते हैं। आयुष्मान कार्ड दिखाने के बाद भी डाक्टर की ओर से रुपयों की मांग की गई।