कानपुर। नगर के मध्य से ट्रांसगंगा सिटी को जोड़ने वाले फोरलेन पुल की मंजूरी मिलने से कानपुर-लखनऊ के आवागमन करने वाले यात्रियों के बीच हर्ष का माहौल है। बोर्ड बैठक में मुख्य सचिव मनोज सिंह ने मंजूरी दे दी है। शासन से मंजूरी मिले फोरलेन पुल के निर्माण के लिए तीन साल का समय निर्धारित किया गया है जबकि इसके निर्माण में 538.10 करोड़ की लागत तय की गयी है। राज्य सेतु निगम को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। नगर में पुल कहां उतरेगा अभी इस पर शासन से मुहर नहीं लग सकी है। पुल निर्माण कमेटी ने 6 माह पहले निरीक्षण कर सरसैया घाट और ग्रीनपार्क के पास पुल को उतारने का प्रस्ताव शासन भेजा था। जिसमें सरसैया घाट पर उतारने की संभावना ज्यादा है।ट्रांसगंगा सिटी को शहर से जोड़ने के लिए वर्ष 2018 से पुल बनाने के लिए प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं।
पुराना गंगा पुल जर्जर होने के बाद उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से लखनऊ, उन्नाव से कानपुर आने-जाने के लिए लोगों को काफी दूरी तय करनी पड़ रही है।वहीं इसका सबसे ज्यादा प्रभाव ट्रांसगंगा सिटी पर पड़ा। सिटी को जल्द से विकसित करने के लिए पुल का निर्माण कराने की तैयारी की गई। सरसैयाघाट से शुक्लागंज, उन्नाव और लखनऊ आना-जाना बेहद आसान हो जाएगा। 6 माह पहले निर्माण कमेटी ने पुल उतारने को लेकर निरीक्षण किया था।निरीक्षण में पाया गया था कि ग्रीनपार्क के पास अगर पुल को उतारा जाएगा, तो 200 मीटर लंबाई अधिक होगी और कई मकानों को गिराना पड़ेगा। जमीनों का अधिग्रहण भी किया जाएगा। हालांकि जिला प्रशासन ने शासन को दोनों प्रस्तावों को भेज दिया था जिस पर अभी तक मुहर नहीं लगी है। जल्द उस पर भी मुहर लग जाएगी।ट्रांसगंगा से नदी के ऊपर बनने वाले पुल की लंबाई 1.8 किमी. होगी। इसके आगे करीब 2.1 किमी. की सड़क बनेगी। उत्तर प्रदेश राज्य ब्रिज कॉरपोरेशन को इस परियोजना का नोडल एजेंसी बनाया गया है। लगभग 538.10 करोड़ की लागत से इसका निर्माण होगा। निर्माण एजेंसी को समय सीमा के अंदर ही पुल का निर्माण कराना होगा।ट्रांसगंगा सिटी से कानपुर रिंग रोड की दूरी करीब दो किमी. होगी। इससे भी पुल को लिंक किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सेतु निर्माण निगम इस निर्माण में आधा-आधा खर्च करेगा।