July 31, 2025

संवाददाता

कानपुर।श्रीमद्भगवदगीता वैदिक न्यास द्वारा स्थापित श्रीमद्भगवदगीता एवं वैदिक वांगमय शोधपीठ तथा सनातन सेवा सत्संग कानपुर प्रान्त उप्र के संयुक्त तत्वावधान में 31 जुलाई 2025 को तुलसीदास जयन्ती पर छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई सभागार में सनातन के आधार स्तंभ श्रीरामचरित मानस एवं श्रीमदभगवदगीता में जीवन प्रबन्धन विषय पर संगोष्ठी एवं गोस्वामी तुलसीदास जंयती समारोह का आयोजन किया जाएगा। 

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के परिसर में गोस्वामी तुलसीदास जी की संगमरमर से बनी हुई भव्य प्रतिमा का अनावरण और गीता का कालजयी संदेश पत्रिका का विमोचन भी किया जाएगा। 

संगोष्ठी को सम्बोधित करने के लिये स्वामी प्रबुद्वानंद, आचार्य चिन्मय मिशन, इन्दौर तथा मानस मर्मज्ञ वीरेन्द्र याज्ञनिक, मुंबई से पधारेगें। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक उपस्थित रहेेंगे। 

विश्वविद्यालय में मंगलवार को हुई एक प्रेस वार्ता में कुलपति प्रो. विनय पाठक  ने बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को उनके सर्वाेगीण विकास के लिये शिक्षा के साथ संस्कार और नैतिक शिक्षा की भी जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सौभाग्य है कि तुलसीदास जयंती के पावन अवसर पर तुलसीदास जी की प्रतिमा भी स्थापित हो रही है और संतों का आगमन भी हो रहा है। सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उप मुख्य मंत्री  बृजेश पाठक  की भी उपस्थिति रहेगी।

प्रेस वार्ता में डॉ. उमेश पालीवाल  ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रमुख चौराहे पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, स्वामी प्रबुद्वानन्द, वीरेन्द्र याज्ञनिक एवं कुलपति  द्वारा तुलसीदास जी की संगमरमर से बनी प्रतिमा के अनावरण के साथ कार्यक्रम की शुरूआत होगी। इसके पूर्व प्रातःकाल में मूर्ति का पूजन, विश्वविद्यालय के कर्मकाण्ड एवं ज्योतिष विभाग के आचार्य विधिवत सम्पन्न करेंगे। 

प्रेस वार्ता में आचार्य सुधीर भाई मिश्र ने कहा कि सनातन सेवा सत्संग पिछले 12 वर्षों से दक्षिण कानपुर में तुलसीदास जी की जयंती मनाती आ रही है, इस वर्ष ईश्वर की कृपा से सहयोगी संस्थाओं के साथ यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में तुलसीदास जी की भव्य प्रतिमा स्थापना के साथ मनाया जायेगा। इसके उपरान्त अपरान्ह 3:30 बजे से अजय याज्ञनिक द्वारा लक्ष्मीबाई सभागार में ही संगीतमय सुन्दरकाण्ड का सामूहिक पाठ किया जाएगा।

श्रीमद्भगवद्गीता एवं वैदिक वांगमय शोधपीठ के समन्वयक अनिल गुप्ता ने बताया कि शोध पीठ पिछले वर्षों में बहुत सारी संगोष्ठियां एवं कार्यशालायें करा चुकी है अब इस वर्ष एक अगस्त से गीता के पाठ्यक्रम को वैकल्पिक विषय के रूप में विश्वविद्यालय में शुरू किया जा रहा है और पी.एच.डी. के लिये दो सीटें आवंटित हो गयी है।

इस प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से सुधीर अवस्थी, प्रो. राजेश द्विवेदी, प्रो. राकेश कुमार, परमानन्द, कमल त्रिवेदी, अखिलेश शुक्ल, राजेश दीक्षित, यमुना प्रसाद पाण्डेय, राजीव महाना, डॉ. मनोज अवस्थी, डॉ. रचना विश्नोई, भूपेश अवस्थी, प्रेमचन्द्र अग्निहोत्री आदि लोग उपस्थित रहे।