
आ स. संवाददाता
कानपुर। पीएसी ग्राउंड में यूपी पुलिस में भर्ती के लिए दौड़ हुई। दौड़ में शामिल 13 अभ्यर्थी एक के बाद एक गिरते चले गए। इनमें से छह अभ्यर्थियों के पैर टूट गए। दौड़ते-दौड़ते अचानक हड्डी चटकी और अभ्यर्थी कराहते हुए ग्राउंड पर गिर पड़े।
इसी बीच इटावा निवासी अभ्यर्थी देवेंद्र कुमार यादव ने घुटनों के बल घिसटते हुए तय समय से एक मिनट पहले ही दौड़ पूरी कर ली। वह करीब 30 मीटर तक घुटनों के बल ग्राउंड में घिसटे। घायल सभी अभ्यर्थियों को अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस भर्ती के लिए दौड़ लगा रहे देवेंद्र के पैर की हड्डी टूट गई, मगर उनका हौसला नहीं टूटा। उन्होंने 24 मिनट में दौड़ पूरी की।
गुरुवार को अंतिम राउंड में दौड़ लगाते समय उन्नाव के मगरवारा निवासी प्रेम प्रकाश, कन्नौज की तालग्राम निवासी शिवानी राजपूत, सरवनखेड़ा, कानपुर देहात से सर्वेश कुमार, इटावा के देवेंद्र यादव, कानपुर से धर्मेन्द्र कुमार और फर्रुखाबाद के सुमित कुमार व आशुतोष समेत 13 लोग एक के बाद एक गिरते चले गए।
दौड़ते-दौड़ते अभ्यर्थियों के गिरने से वहां मौजूद अफसरों में हड़कंप मच गया। सभी मैदान की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने एक-एक कर अभ्यर्थियों को उठाया। इसी बीच इटावा से आए अभ्यर्थी देवेंद्र कुमार यादव उठे, मगर फिर ग्राउंड में गिर पड़े। ऐसे में देवेंद्र ने घुटने के बल घिसटते हुए ही लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।
देवेंद्र ने करीब 30 मीटर की दूरी घिसटते हुए तय की। उन्होंने घुटनों के बल घिसटकर 24 मिनट में 5 किमी. की दौड़ को पूरा कर लिया। दौड़ पूरी करने के बाद अफसरों ने देवेंद्र को उठाया। उसकी पीठ थपथपा कर शाबाशी दी, तो देवेंद्र भावुक हो गए। वह फफक फफक कर रोने लगे। अफसरों ने देवेंद्र को संभालते हुए गले लगा लिया। सभी घायलों को तीन एंबुलेंसो से कांशीराम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
जब एक्सरे हुआ तो 13 में से 6 अभ्यर्थियों के पैर टूटे पाए गए। अस्पताल में भर्ती देवेंद्र कुमार यादव ने बताया कि उनका सपना पुलिस अधिकारी बनने का है। घर वालों को उनसे बहुत उम्मीद है। दौड़ते समय वह लक्ष्य से मात्र 30 मीटर दूर रह गए थे। इसी बीच अचानक पैर से आवाज आई और वो नीचे गिर पड़े ।
उन्नाव निवासी पुष्पेंद्र तिवारी ने कहा कि मेरा 12वां राउंड पूरा हो गया था। तभी तेज आवाज के साथ मेरे पैर की हड्डी टूट गई और मै ग्राउंड पर गिर पड़ा। मुझे बहुत उम्मीद थी कि मैं यह दौड़ निकाल लूंगा। मेरे 22 नंबर मेरिट से अधिक थे। मेडिकल में कोई इश्यू नहीं था।
मैं घर का अकेला हूं। परिवार वालों को मुझसे बहुत उम्मीदें थीं। गिरने के बाद मैं 30 मिनट तक ग्राउंड में रहा। इसके बाद मुझे अस्पताल भेज गया।
पुष्पेंद्र ने दुखी मन से कहा कि मैं डिस्क्वालीफाई कर दिया जाऊंगा। आगे मैं पुलिस भर्ती नहीं देखूंगा।