आ स.संवाददाता
कानपुर। प्रदेश क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके पूर्व क्रिकेटर और पूर्व राज्य मन्त्री मोहसिन रजा का संघ के खिलाफ हल्लाबोल हर क्रिकेटर और उनके अभिवावकों की जुबान पर सिर चढकर बोल रहा है। संघ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा देने ने मानो समूचे क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी है। क्रिकेटरों के हित में पूर्व खिलाडी की ओर से उठाए गए कदम से गदगद प्रदेश का युवा और वरिष्ठ खिलाडी जहां एक ओर टीम में चयन को लेकर आशान्वित हो गया है वहीं संघ के भीतर उनको मनाने के लिए कवायद भी शुरु कर दी गयी है।सूत्र बतातें हैं कि आलाकमान के पीए ने उनको फोन कर अपना नाम शामिल किए जाने पर ऐतराज जताया तो उन्होंने उन्हे डपट दिया।वहीं दूसरी ओर क्रिकेट जगत में पूर्व मन्त्री् की ओर से उठाए गए कदम का स्वागत भी किया जा रहा है लोगों की इस मामले में प्रतिक्रिया ही बहुत कडी है। लोगो का मानना है कि प्रदेश में क्रिकेट संघ पहले जैसा नही रहा आलकमान के पीए और उनके कुछ एजेन्ट ही चयन प्रक्रिया को गन्दा् कर रहे हैं। अब इस कदम से थोडा डर बनेगा और चयन प्रक्रिया पारदर्शी हो सकेगी। बतातें चलें कि पूर्व मन्त्री ने संघ के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह, निदेशक रियासत अली, चयनकर्ता अरविन्द कपूर,ललित वर्मा, वर्मा,महाप्रबन्धक रीता डे, सीईओ अंकित चटर्जी,पूर्व सीओओ दीपक शर्मा, आलाकमान के पीए अकरम सैफी और उसके एजेन्ट अनुराग मिश्रा के खिलाफ पुलिस की ओर से पेश की गयी मुकदमों की फाइल का भी हवाला देकर सबको सोचने पर विवश कर दिया है।यही नही चयनकर्ता का कार्य देख रहे उपाध्यक्ष को कटघरे में खडा करने का काम किया है। पूर्व मन्त्री के आरोपों में इतना दम दिखायी दे रहा है कि संघ अभी तक उसको नकार नही पा रहा है। पूर्व मन्त्री ने सूबे के मुखिया से शिकायत कर इस मामले को और भी बढा दिया है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमन्त्री मामले की जांच के लिए किस प्रकार की कमेटी का गठन करतें हैं। क्रिकेट जगत से जुडे एक विशेषज्ञ के अनुसार अगर मुख्यमन्त्री ने इसे सही दिशा में लेकर किसी प्रकार की कार्यवाही करवायी तो परिणाम सुखद हो सकते हैं जबकि यूपीसीए की ओर से इस मामले में अब कोई कुछ भी बोलने को तैयार नही है।