December 18, 2024

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  नगर में एक चारा घोटाले का मामला सामने आया है। सोशल ऑडिट टीम ने ऑनलाइन चेक किया तो हकीकत सामने आई। चारा घोटाले की जांच पशु पालन विभाग के अधिकारी 2 साल से दबाए बैठे थे। 

गोशालाओं में वर्ष 2019 से 2021 के बीच खर्च रुपए का प्रशासन ने एक सप्ताह में बिल बाउचर जमा करने के निर्देश दिए हैं।
बिधनू, भीतरगांव, बिल्हौर, शिवराजपुर, सरसौल, घाटमपुर, पतारा और ककवन ब्लाक में गो आश्रय स्थलों में चारा खरीद के नाम पर सचिवों ने जमकर बंदरबांट की थी। जांच में सामने आया कि करीब 42 लाख रुपए का भुगतान गो-सेवकों के नाम पर किया गया। इसके साथ बिधनू ब्लाक के कठारा ग्राम पंचायत में 33.53 लाख रुपए का भूसा, चूनी, चोकर व चरी खरीद के नाम पर किया गया। यही नहीं बिना किसी काम के 1.60 लाख रुपए प्रधान और सचिव मिलकर डकार गए।
घाटमपुर ब्लाक में 11.67 लाख रुपए का घोटाला हुआ। भूसे के भंडार के लिए धर्मकांटे की फर्जी रसीद लगाकर  कंपनी को 4.90 लाख रुपए भुगतान दिखा दिया गया। टिकवापुर के गोआश्रय में 3.36 लाख रुपए का गबन किया गया। इसी तरह सजेती में 80 हजार रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ।
ऑडिट टीम की जांच में 19 गो-आश्रय स्थलों में फर्जीवाड़ा सामने आया। स्कूटी पर एक बार में लादकर 121 कुंतल भूसा सरसौल के रामपुर के गौआश्रय स्थल पहुंचा दिया गया था। इसमें करीब 69,945 रुपए खर्च होना भी बताया।
धर्मकांटा में भूसा तौल कराने की कंप्यूटराइज्ड रसीदें भी लगाई थीं। ऑडिट टीम ने बिल में दर्ज नंबर को जब परिवहन विभाग के एप पर चेक किया तो पता चला कि किसी ट्रक, ट्रैक्टर या लोडर का नहीं बल्कि वह स्कूटी का निकला।
ऑडिट टीम ने गो-आश्रय स्थलों की जांच कर सितंबर 2022 में अपनी रिपोर्ट तत्कालीन डीडीओ और तत्कालीन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सौंपी थी। तत्कालीन सीडीओ ने जांच कराकर कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन अफसरों ने सचिव और प्रधानों की मिलीभगत से जांच ही दबा दी। जिसको अफसर अभी तक दबाए बैठे रहे।
ऑडिट विभाग ने मामले की जानकारी जब शासनस्तर पर दी तो शासन ने सीडीओ को मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने संबंधित सचिवों को पत्र लिखकर जवाब-तलब किया।
ऑडिट टीम ने घाटमपुर की कटरी ग्राम पंचायत में भी गोआश्रय स्थल तक भूसा पहुंचाने का फर्जी बिल पकड़ा। गोशाला में भूसे के आने और धर्मकांटा पर उसके तौले जाने की रसीद की डेट में करीब 10 महीने का अंतर पकड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार ओम धर्मकांटा हिलौली रोड उन्नाव की रसीद में 7 नवंबर 2019 को भूसा तौला गया था जबकि गो आश्रय स्थल के स्टॉक रजिस्टर में यह 14 सितंबर 2020 को आया दिखाया गया था।
मामले में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि आडिट टीम की तरफ से जो रिपोर्ट दी गई उसके आधार पर सचिवों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में बिल मांगे गए हैं। जो सही बिल उपलब्ध करा देंगे, तो उसको छोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
नगर की कठारा, सजेती, महिपालपुर, बौसर सरसौल, गागूपुर बिल्हौर, पतारा, कटरी घाटमपुर, बेहटा गंभीरपुर, गढ़ी बिहारीपुर, खेरसा बिधनू, पलिया बुजुर्ग, सुघरदेवा, शिवराजपुर, बिल्हौर, मोहिद्दीनपुर, टिकवा और निवादा उधौ की ग्राम पंचायतो में चारा घोटाला सामने आया है।