
आ स. संवाददाता
कानपुर। बिल्हौर तहसील परिसर में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दो सप्ताह से धरने पर बैठे किसानों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी की।
मामला 2003 में दी गई पट्टे की जमीन से संबंधित है। भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत गुट के जिलाध्यक्ष अनंत अवस्थी ने बताया कि तहसील प्रशासन ने भीटी, मदारी पुरवा समेत तीन गांवों के गरीब किसानों को पट्टे पर जमीन दी थी। नियम के अनुसार असंक्रमणीय खाते में दर्ज भूमि 5 -10 साल में संक्रमणीय खाते में दर्ज हो जाती है।
प्रशासन पर आरोप है कि कुछ लोगों की जमीन तो सांठगांठ कर संक्रमणीय कर दी गई, लेकिन बाकी किसानों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पिछले तीन महीने में किसान संगठन के पदाधिकारियों ने कई बार एसडीएम रश्मि लांबा से मिलकर समाधान की मांग की। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। पिछले सप्ताह भी एसडीएम ने पत्रावली न मिलने की बात कहकर किसानों को टाल दिया था।
किसानों के विरोध को देखते हुए प्रभारी तहसीलदार सीपी राजपूत के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिलाध्यक्ष अनंत अवस्थी ने चेतावनी दी है कि अगर 24 अप्रैल तक मामले का निस्तारण नहीं हुआ तो आंदोलन उग्र कर दिया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान दर्जनों किसान मौजूद रहे।