कानपुर। कानपुर विश्वविद्यालय, में आयोजित राखी मेंकिग कार्यक्रम के दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स के छात्रों व नगर निगम के कर्मचारियों के संयुक्त तत्वाधान में बेकार वस्तुओं के प्रयोग से एक राखी का निर्माण किया गया। बेकार वस्तुओं के प्रयोग से राखी के नए स्वरूप को जिसने भी देखा उसने उसे सराहने का काम किया। राखी मेकिंग के इस कार्यक्रम में विभाग के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सुंदर-सुंदर राखी बनाई। रेश्म के धागे की राखी देखकर हर किसी ने उनकी तारीफ की।इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स के विधार्थियों ने हस्तनिर्मित अन्य उपयुक्त सामग्रियों से राखियों का निर्माण किया। घर में पड़ी बटन, मोती, धागा, पेन का ढ़क्कन, टूटी घड़ी, कपड़ा आदि चीजों का प्रयोग कर भाई की कलाई के लिए सुंदर राखी बनाई।यह कार्य कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। प्रो. पाठक ने राखी को देखकर सभी प्रतिभागियों की जमकर सरहाना की। उन्होंने कहा रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है। इस त्योहार को हर कोई विशेष बनाना चाहता है।यहां पर जो राखी तैयार की गई है उनकी विशेषता यह है कि इनमें पुरानी चीजों का प्रयोग किया गया, जिनमें बटन, मोतियाँ, शीप, स्टोन आदि लगाए गए हैं। इनको देखने के बाद ये नहीं लग रहा कि ये सब पुरानी चीजों से बनी हुई हैं।कार्यवाहक प्रभारी विनय सिंह एवं सहायक अध्यापिका तनीषा वधावन की देखरेख में कला विद्याथियों ने राखी को निर्मित किया। इन विद्यार्थियों मे मेद्या श्रीवास्तव, अंशिका कुशवाहा, आरती कश्यप, विशाल सैनी एवं प्राची मिश्रा आदि लगभग 40 छात्र-छात्राओं ने इसमें प्रतिभाग किया था।विनय सिंह ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से प्रतिभागियों के अंदर छुपी हुई प्रतिभा बाहर आती है। इनको भी उत्साह वर्धन होता है। यहां पर सभी ने अपना एक से बढ़कर एक प्रदर्शन दिखाया है।