November 22, 2024
कानपुर। साबरमती ट्रेन हादसे की जांच का हर पहलू विशेषज्ञों की नजरों से होकर गुजरेगा , फोरेंसिक टीम, एटीएस , एसआईटी  चीफ और आईबी जैसी 4 एजेंसियों ने ट्रेन हादसे के लिए मानी जा रही साजिश के सबूत खंगालने का काम शुरु कर दिया है।  लखनऊ और कानपुर की फोरेंसिक टीम, एटीएस , एसआईटी  चीफ और आईबी ने 5 घंटे तक 400 मीटर के दायरे में जांच तो की ही उसके साथ ही ट्रैक, बोल्डर और खराब हुई पटरियों की माप भी ली।वहीं एजेन्सियों ने इंजन के ब्लैक बॉक्स की जांच भी की। जांच में सामने आया कि हादसे के समय साबरमती एक्सप्रेस 90 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से चल रही थी। ड्राइवर ने जांच एजेंसियों को बताया कि 30 मीटर दूर से उसे भारी चीज पटरी पर रखी दिखाई दी। इसी से टकराने और इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन डिरेल हो गई।साबरमती के लोको यानी इंजन को इलेक्ट्रिक लोको शेड में टेक्निकल मुआयने के लिए भेजा गया है। इंजन के कैटल कैचर पर कुछ इंप्रेशन मिले थे। ये इंप्रेशन कितने हार्ड ऑब्जेक्ट से लगे हैं यानी कितनी भारी चीज से टकराया है? यह जांच करने के लिए फोरेंसिक टीम इलेक्ट्रिक लोकोशेड भी पहुंची। जहां कैटल कैचर की जांच की गई।एस आई टी  चीफ राजेश कुमार सिंह ने कहा- ट्रेन के ड्राइवर और असिस्टेंट लोको पायलट ने अपने बयान में बताया कि ट्रेन भारी चीज से टकराई और डिरेल हो गई। जब ड्राइवर के दावों की जांच की गई तो घटना वाली जगह ऐसी कोई भारी चीज नहीं मिली, जो ट्रेन से टकराई हो। लोकोपायलट यह नहीं बता सका कि क्या भारी वस्तु रखी थी। उसे जांच एजेंसी ने नोटिस जारी किया है। बयान के समय उससे इन पॉइंट पर पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसियों ने कई सारे सबूत जुटाए हैं। फोरेंसिक की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगा।जांच टीम को मौके पर एक बोल्डर और क्लैंप मिला। उसे क्लैंप के जरिए पटरी पर बंधवाने की कोशिश की। घंटेभर की कोशिश के बाद भी बोल्डर उसी क्लैंप के सहारे पटरी पर नहीं बांधा जा सका। जांच टीम को हादसे वाली जगह से करीब 120 मीटर दूर ओवरब्रिज के नीचे कुछ और बोल्डर जमीन में धंसे मिले। इन पर जंग लगे थे। पुलिस का दावा है कि कई दिनों से रेलवे ट्रैक पर काम हो रहा था। इसलिए वहां रेलकर्मी लापरवाही में ये सब सामान छोड़ गए हैं। नौ सीसीटीवी  कैमरे अभी तक खंगाले गए हैं।एस आई टी चीफ ने बताया कि चार टीमों ने 400 मीटर के दायरे में जांच शुरू की। बारिश की वजह से बहुत से सबूत धुल गए, लिहाजा एफएसएल को टक्कर के निशान नहीं मिल पाए हैं। इसके लिए एफएसएल ने घटना वाले दिन तस्वीरें ली हैं। ए टी एस  की इन्वेस्टिगेशन और टेक्निकल टीम भी इस पूरे मामले में लगाई जाएगी। जल्द ही टीमें अपनी जांच करेंगी और पूरी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।ट्रेन हादसे के बाद से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे साजिश बताते हुए आईबी  और पुलिस को जांच का आदेश दिया था। मंगलवार दोपहर आईबी, ए टी एस, एस आई टी  चीफ, कानपुर के डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह मौके पर फोरेंसिक टीम के साथ जांच करने पहुंचे। अभी साफ नहीं हो सका है कि यह कोई आतंकी साजिश थी या महज हादसा। फोरेंसिक की रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस अफसर इसे साजिश मानकर ही जांच में जुटे हैं।