कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट प्रीमियर लीग में श्रेष्ठे प्रदर्शन भी प्रदेश क्रिकेट टीम में चयन की गारंटी नही है, टीम में प्रवेश पाने के लिए सिस्टम, पावर ,जुगाड और शायद पैसों का भी होना अब अनिवार्य होता देखा जा रहा है। बीते कई सालों से प्रदेश टीम में क्रिकेटरों के चयन का मापदण्ड यही देखा गया है। बीते कई सालों से प्रदेश क्रिकेट टीम में स्थान न पा सकने पर कई क्रिकेटरों ने चयनकर्ताओं पर आरोप तक लगा डाले। हाल ही में सम्पन्न् प्रदेश की टी-टवेन्टी लीग में नोएडा के एक क्रिकेटर के परिवार से चयनकर्ताओं के बीचतू-तू,मैं-मैं का मामला खासा गरमा गया था जिसे आलाकमान ने मध्यहस्तता कर सुलझा लिया था क्योंकि इससे प्रदेश संघ की छवि धूमिल होने के आसार नजर आने लगे थे। इसका एक कारण और माना जा रहा है कि प्रदेश की टीम में खेलने के लिए जिस खेल की आवश्यकता होती है मैदान के भीतर नही बाहर से ही खेला जाता है। यूपीसीए में बीते कई सालों से बाहर प्रदेश से आए खिलाडियों ने अपना सिक्का जमा रखा है जिसमें दिल्ली ,हरियाणा और उससे सटे इलाकों के खिलाडियों की संख्या बहुतायत है। मुश्ताक अली टी-टवेन्टी् के लिए प्रदेश में अब इस समय कई खिलाडियों ने बेहतर प्रदर्शन कर अपने चयन के दावे ठोंक दिए हैं लेकिन उनके मन में थोडा डर इस बात का भी है कि शायद चयनकर्ता उनकी ओर अपनी कृपा दृष्टि बनाए ही नही। यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि वर्तमान समय में चयनकर्ताओं की भी नही चल रही और सर्वेसर्वा की ओर सभी टकटकी लगाए देखा करते हैं। यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि अब समय आ गया है कि यूपीसीए उनपर लगाम लगाए जो कि चयनकर्ताओं द्वारा इन बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम में चुन लेंगे लेकिन वह खिलाडी 23 नवंबर से शुरू हो रही मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी में राज्य की टीम का हिस्साय होंगे वह बडी बात है। दरअसल, इसमें पेंच यह है कि कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो यूपीटी-20 लीग में अच्छा प्रदर्शन किए बिना भी ‘बैकडोर एंट्री’ से 15 सदस्यीय टीम में अपनी जगह किसी के वरदहस्त होने के चलते बना ही लेंगे। बल्लेबाजी में स्वास्तिक चिकारा, समीर रिजवी, माधव कुशिक, आदर्श सिंह, अक्षदीप नाथ, समर्थ सिंह, प्रियम गर्ग, आर्यन जुयाल, टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी शोएब सिद्दीकी और गेंदबाजी में जीशान अंसारी, विप्रज निगम, सुनील कुमार, यश गर्ग, मोहसिन खान, अभिनंदन सिंह, अनुभवी अंकित राजपूत, विनीत पंवार, शिवम शर्मा और मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ी नए सत्र में यूपी टीम के लिए स्वत: ही चुने जाने चाहिए। गेंदबाजी ऑलराउंडर पीयूष चावला और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार जैसे दो दिग्गज भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने विशाल अनुभव के आधार पर टीम में दावा पेश करने के लिए मौजूद रहेंगे। यूपीसीए के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा वास्तव में पुराने खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि इस आयोजन ने कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं, जो कम से कम आगामी ट्वेंटी-20 ट्रॉफी के लिए टीम में होने के हकदार हैं। उन्होंने कहा गैर-प्रदर्शन करने वालों और दिल्ली के लड़कों करण शर्मा (194 रन, 13वां स्थान) और नितीश राणा 104 रन, 34वां स्थान) के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, जो बल्ले या गेंद से शायद ही कुछ अच्छा कर पाए हों, लेकिन यूपीसीए में उनके कुछ वफादार हैं, जो सुनिश्चित करेंगे कि हमारे अपने क्रिकेटरों की कीमत पर ये दोनों एक बार फिर टीम में हों। सूत्र यह भी बतातें हैं कि बाहरी लोगों के लिए प्रदेश की टीम में जगह नही होनी चाहिए, क्योंकि यहां पर क्रिकेटरों की संख्यां पर्याप्त है लेकिन पैसे,पावर और जुगाड के आगे प्रतिभाशाली क्रिकेटरों का भविष्यि अधर में लटका है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा, क्योंकि यूपीटी-20 लीग में सर्वेसर्वा के माध्यम से एक टीम के मेंटर के रूप में दिल्ली के पूर्व टीम इंडिया क्रिकेटर की सेवाएं ली गई थीं।