
संवाददाता
कानपुर। महात्मा गांधी के आदर्शों को आज की पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए एक अनूठी और ऐतिहासिक पदयात्रा का मार्च कानपुर से होकर गुजरा। ‘एक कदम गांधी के साथ, कारवां प्यार का’ का यह जत्था वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करके कानपुर पहुँचा और अब दिल्ली के राजघाट तक के अपने मिशन पर आगे बढ़ गया है।
यह पदयात्रा गांधी जी के जीवन और दर्शन से जुड़े प्रतीकात्मक स्थलों से होकर गुजर रही है। इसकी शुरुआत वाराणसी के राजघाट से हुई, जहाँ की पवित्र शांति ने यात्रा को आध्यात्मिक आधार दिया। इसका समापन दिल्ली के राजघाट पर होगा, जहाँ राष्ट्रपिता को अंतिम विदाई दी गई थी। इस प्रकार, यह यात्रा गांधी जी के जीवन-मार्ग का एक सजीव मानचित्र प्रस्तुत करती है।
इस पदयात्रा का प्रमुख लक्ष्य आज की अशांत और संघर्षपूर्ण दुनिया में गांधी के सिद्धांतों— अहिंसा, सत्य, स्वदेशी, सादगी और सामाजिक एकजुटता— की प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करना है। यह ‘प्यार का कारवां’ रास्ते में पड़ने वाले हर गाँव और शहर में लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर रहा है, उन्हें शांति और सद्भाव के संदेश से जोड़ रहा है।
पदयात्रियों का दल गांधी जी के प्रिय भजनों, खासकर “वैष्णव जन तो” की मधुर स्वरलहरियों के साथ आगे बढ़ रहा है। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, विचार-विमर्श सत्र और प्रार्थना सभाएँ आयोजित की जा रही हैं। इनके माध्यम से लोगों को स्थानीय उत्पादों के उपयोग, स्वच्छता बनाए रखने और सामुदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
यह कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन है, विधायक अमिताभ बाजपेई ने जोर देकर कहा। यहाँ कोई भी व्यक्ति किसी भी चरण में आकर अपना ‘एक कदम’ गांधी जी के सिद्धांतों की ओर बढ़ा सकता है।
यह पदयात्रा केवल भौगोलिक दूरी तय नहीं कर रही, बल्कि यह हर भारतीय के हृदय तक पहुँचने का एक सार्थक प्रयास है। यह सभी को यह एहसास दिलाती है कि गांधी जी का मार्ग आज भी उतना ही सच्चा और प्रासंगिक है। उम्मीद की जा रही है कि यह कारवां देश में एक नई सकारात्मक ऊर्जा और सामाजिक चेतना का संचार करेगा। सचमुच, बापू के मार्ग पर चलता यह कारवां दिल से दिल का रिश्ता जोड़ने निकला है।
इस ऐतिहासिक यात्रा में आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई, कांग्रेस जिलाध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी, हाजी ज़ियाउल हक के साथ-साथ सैकड़ों गांधीवादी, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और आम नागरिक शामिल हुए।






