
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर के इकोनॉमिक साइंस डिपार्टमेंट की ओर से कैंपस इमर्शन प्रोग्राम करवाया गया। 9 से 11 मई तक चलने वाले इस कार्यकम को ईमास्टर्स डिग्री प्रोग्राम्स के प्रतिभागियों के लिए आयोजित किया गया था। आईआईटी कानपुर के आर्थिक विज्ञान विभाग में ईमास्टर्स प्रोग्राम के अंतर्गत दो विशेष डिग्रियां बिज़नेस फाइनेंस और पब्लिक पॉलिसी और क्लाइमेट फाइनेंस और सस्टेनेबिलिटी शामिल हैं।
ईमास्टर्स की पहल, आईआईटी कानपुर की एकेडेमिक विकास यात्रा का एक अहम हिस्सा है। वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए डिजाइन किए गए प्रोग्राम में डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, सार्वजनिक नीति और वित्तीय तकनीक जैसे कोर्स शामिल हैं।
इमर्शन प्रोग्राम के तहत प्रतिभागियों को आईआईटी कानपुर के कैंपस का अनुभव लेने, फैकल्टी से बातचीत करने और रिसर्च को करीब से देखने का मौका मिला। सेशन के दौरान आईआईटी कानपुर के डीन रिसोर्स एंड डेवलेपमेंट प्रो. तरुण गुप्ता ने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने संस्थान के एकेडमिक विभाग, मॉडर्न रिसर्च टेक्नोलॉजी के साथ-साथ नए इनोवेशन के बारे में चर्चा की। उन्होंने आईआईटी कानपुर में हो रहे बहु-विषयक शोध और उनके वास्तविक जीवन में पड़ने वाले प्रभाव के बारे में प्रतिभागियों को बताया।इस कार्यक्रम में एकेडमिक और इंडस्ट्री लीडर्स ने पब्लिक पॉलिसी और सस्टेनेबिलिटी से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की।
भारत सरकार के पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने समुद्री मत्स्य संसाधनों से जुड़ी भू-राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा की। नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के मौजूदा महानिदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार बागड़े ने जलवायु परिवर्तन के दौर में स्थिरता के उपायों पर अपने विचार साझा किए। त्रिपुरा सरकार के पूर्व मुख्य सचिव डॉ. कुमार आलोक ने सार्वजनिक नीति के दृष्टिकोण से स्थायी बायोमास ऊर्जा पर एनालिसिस पेश किया।
कार्यक्रम के दूसरे सेशन में भी वैश्विक स्तर के अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस प्रो. राजीव जिंदल ने क्लाइमेट फाइनेंस और जलवायु परिवर्तन को कम करने में इसकी भूमिका के बारे में बताया। इंटरनेशनल कार्बन एक्सचेंज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट इंद्रनील चटर्जी ने कार्बन मार्केट की विस्तार से जानकारी दी। आईआईटी कानपुर के ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस विभाग के प्रमुख प्रो. प्रदीप स्वर्णकार ने न्यायसंगत परिवर्तन पर बात की।