
संवाददाता
कानपुर। देव गुरु बृहस्पति आज शाम 7:37 बजे से 9 जुलाई तक के लिए अस्त हो जाएंगे। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इसके साथ ही 27 दिन तक मेष, कर्क, वृश्चिक व मकर राशियों को गुरु के अस्त होने का अभूतपूर्व लाभ मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य पीएन द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। यह समृद्धि, ज्ञान, सम्मान और भाग्य के कारक हैं। गुरु करीब 13 माह में एक से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, लेकिन इस वर्ष इनकी गति सामान्य से दोगुनी होगी। इस कारण से यह एक साल में दो बार राशियों में परिवर्तन करेंगे।
इस समय देव गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में विराजमान हैं और अक्टूबर तक इसी राशि में रहेंगे। इस दौरान गुरु ग्रह 12 जून को सायं 7:37 बजे अस्त हो रहे हैं और 9 जुलाई तक इसी अवस्था में रहेंगे। गुरु का अस्त होना सामान्यतः कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्यक्रम नहीँ होंगे।
गुरु मेष राशि के तीसरे भाव में विराजमान हैं, जो कि शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में गुरु अस्त होने से मेष राशि वालों को कई क्षेत्रों में शुभ फलों की प्राप्ति होगी। भाई-बहन के साथ रिश्तों में सुधार होगा। आपके आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच में वृद्धि होगी। भाग्यवश कुछ काम बनेंगे। नेगेटिविटी से छुटकारा मिलेगा।
कर्क राशि वालों को खर्चों में कमी आएगी और धन की बचत करना संभव हो सकेगा। सेहत में सुधार होगा। कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा।
गुरु अस्त होने के प्रभाव से वृश्चिक राशि वालों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। कार्यों की विघ्न-बाधाएं खत्म हो सकती हैं। शासन-सत्ता पक्ष का सहयोग मिलेगा। रुका हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है। पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आएगी। हालांकि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करते रहने की जरूरत रहेगी।
मकर राशि के छठवें भाव में गुरु विराजमान हैं। मकर राशि के लिए गुरु का छठे भाव में गोचर लाभप्रद नहीं माना जाता है। ऐसे में गुरु का अस्त होना लाभकारी हो सकता है। गुरु अस्त के प्रभाव से सरकारी कार्यों में आने वाली अड़चनें दूर होंगी। संतान से संबंधित कोई परेशानी सुलझ सकती है। सेहत में सुधार होगा।