November 22, 2024

कानपुर। बरसात और नालियों में जमे पानी और जगहजगह जलभराव के चलते बड़ी बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है जबकि इसके सम्पर्क में आने वाले कुछ बच्चे  संक्रमित हो रहे हैं। शिवराजपुर के रानेपुर में परिषदीय विद्यालय के पास जल निकासी का रास्ता बंद होने से वहां पर जलजमाव अधिक हो गया है। बिल्हौर में शिवराजपुर विकासखंड की रानेपुर ग्राम पंचायत के मतौना गांव स्थित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्या गुलनार के अनुसार, विद्यालय में 89 छात्रछात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। विद्यालय में पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक हैं।कुछ समय पहले तक गांव की नालियों का पानी तालाब में जाता था और उसके निकास के लिए विद्यालय के बाएं तरफ से नाली बनी हुई थी। कुछ समय पहले वर्तमान प्रधान अशोक ने नाली के बीच में बनी पुलिया में मिट्टी भरवाकर नालियों का पानी तालाब में जाने से रोक दिया। उसे विद्यालय की तरफ मोड़ दिया गया। लेकिन उसकी निकासी के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते वर्तमान में बरसात के पानी के साथसाथ गांव की नालियों का पानी भी विद्यालय की बाउंड्री वाल के बाहर भरा हुआ है।प्रधानाचार्य के अनुसार, जहां एक और शासन मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए आबादी वाले क्षेत्रों में जल भराव पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं शिकायतों के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते विद्यालय के बाहर मौजूद गंदगी में लारवा और मच्छर तेजी से बढ़ रहे हैं। जिनके काटने से बच्चों में हाथ पैरों में इंफेक्शन फैल रहा है। बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है। बीमारियों के डर से ग्रामीण बच्चों को विद्यालय भेजने में भी परहेज कर रहे हैं। जिससे उनकी शिक्षा दीक्षा प्रभावित हो रही है।प्रधानाचार्या के अनुसार पुलिया बंद होने के बाद ग्रामीणों ने किनारे किनारे मिट्टी डालकर तालाब पर कब्जा करना शुरू कर दिया। जिससे तालाब तक पानी पहुंचाने का कोई भी रास्ता नहीं बचा। साथ ही ग्रामीणों ने विद्यालय की बाउंड्री वॉल के बाहर जानवर बढ़ने शुरू कर दिए। जिससे गंदगी की समस्या और भी गंभीर हो गई।इस बारे में जानकारी के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कृपा शंकर यादव से संपर्क करने पर कॉल रिसीव नहीं हो सकी।