
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। कल्याणपुर स्थित एक निजी अस्पताल में बुखार से तड़प रही पांच साल की बच्ची को भर्ती कराया गया था। डाक्टर खुद मौके पर बच्ची को देखने नहीं आया मगर नर्सिंग स्टाफ को फोन पर निर्देश जारी कर दिए। जिसपर नर्सिंग स्टाफ ने चार इंजेक्शन बच्ची के लगा दिए। जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई।मासूम बेड पर ही तड़पने लगी। हालत बिगड़ती देख मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने बच्ची को हैलट के लिए रेफर कर दिया। कल्याणपुर के दूसरे निजी अस्पताल में परिजन बच्ची को लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों की तहरीर पर कल्याणपुर पुलिस ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उसे हिरासत में लिया है।
मकसूदाबाद निवासी निर्मल कुमार की टिकरा में कपड़े की दुकान है। उनकी पांच साल की बेटी आरवी केजी कक्षा में पढ़ती थी। पिछले कुछ दिनों से उसे बुखार आ रहा था। चार दिनों से निर्मल अपनी बेटी का कल्याणपुर में सिंघल अस्पताल चलाने वाले डा. अनूप अग्रवाल से इलाज करा रहे थे।
बेटी को कोई आराम नहीं मिल रहा था। बीमारी के पांचवें दिन सोमवार को वह सिंगल क्लीनिक में डा. अनूप अग्रवाल के पास अपनी बेटी को लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने उनसे बेटी को अस्पताल में भर्ती करने की बात कहीं।
आनन-फानन में उन्होंने अपनी बेटी को अस्पताल में भर्ती कर दिया। आरोप है कि डा. अनूप अपने नर्सिंग स्टाफ को फोन पर इलाज करने का निर्देश देते रहे। डॉक्टर के निर्देश पर नर्सिंग स्टाफ ने मासूम को चार इंजेक्शन लगाए। इसके बाद मासूम की हालत बिगड़ती चली गई। तेज बुखार होने के कारण मासूम झटका देकर तड़पने लगी।
हालत बिगड़ने पर मौके पर पहुंचे डा. अनूप ने मासूम को हैलट ले जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। परिजन उसे पास के निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उनकी बेटी को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया।
मौके पर पहुंची पुलिस डॉक्टर को हिरासत में लेकर कल्याणपुर थाने आ गई। कल्याणपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि डाक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही के चलते मासूम की मौत के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। विवेचना करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
निर्मल कुमार के मुताबिक पांच दिनों से डाक्टर इलाज कर रहे थे। डाक्टर के निर्देश पर नर्सिंग स्टाफ ने दो इंजेक्शन वीगो के सहारे और दो इंजेक्शन कमर में लगा दिए थे। जिससे उनकी बेटी की हालत और बिगड़ गई। 102 डिग्री बुखार अचानक बढ़कर 107 डिग्री तक पहुंच गया। जिससे बेटी ने तड़पकर जान दे दी।