नविकों ने बकाया भुगतान की करी शिकायत।

संवाददाता
कानपुर। घाटमपुर में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। इससे तटवर्ती क्षेत्र के गढ़ाथा महुआपुरवा गांव पानी में डूब गए हैं। साथ ही अन्य आधा दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार दोपहर स्टीमर से गढ़ाथा गांव का निरीक्षण किया। यह गांव यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से पूरी तरह डूब गया है। गांव के बीच में केवल ऊंचाई पर बने कुछ घर ही बचे हैं।
यहां लोग अपनी छतों पर गृहस्थी का सामान रखकर जीवन यापन कर रहे हैं। लगभग एक सौ परिवारों ने गांव से पलायन कर लिया है। गांव किनारे स्थित एक विद्यालय में तहसील प्रशासन द्वारा लोगों के रहने और नियमित भोजन की व्यवस्था की गई है। डीएम ने बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों से कहा कि इस आपदा की घड़ी में सब एक-दूसरे का सहयोग करें। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार निगरानी करने और लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने का निर्देश दिया।
इस दौरान मौजूद नाविक अंकित, राजबहादुर, ऊदल निषाद, कल्लू, राजपाल शोभे और नीलू उर्फ पप्पू ने बताया कि गांव में ऊंचाई पर रह रहे लोगों के आने-जाने का एकमात्र साधन नाव है।
नाविकों का कहना था कि बाढ़ के समय अधिकारी उन्हें भुगतान और मदद का आश्वासन देते हैं। लेकिन बाढ़ खत्म होने के बाद उन्हें कोई नहीं पूछता। पिछली बार बाढ़ में उन्होंने लगभग पंद्रह दिनों तक नाव चलाई थी, लेकिन तहसील स्तर से आज तक उन्हें उसका भुगतान नहीं मिला है।