February 22, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
एनटीसी की न्यू विक्टोरिया मिल एंड कम्पनी लिमिटेड की जमीन विवादों में आ गई गई। जमीन के रिहायसी परिसर में कब्जा लेने के लिए एक ट्रस्ट के वकील पहुंचे। वहीं एनटीसी के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
इस दौरान दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ। सूचना पर कर्नलगंज पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आई। दोनों तरफ से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। कोर्ट का आदेश देखने के बाद पुलिस ने अमीन को नापजोख करने की अनुमति दे दी। ट्रस्ट की ओर से मौके पर कुछ पिलर भी लगा दिए गए।
एनटीसी अधिकारियों ने मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी है। उच्च अधिकारी इस मामले में आगे जो भी निर्णय लेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
न्यू विक्टोरिया मिल एंड कंपनी लिमिटेड का राष्ट्रीयकरण होने के बाद यह एनटीसी यानी भारत सरकार की संपत्ति हो गई थी। इसमें कानपुर में 13 हजार वर्गमीटर का हिस्सा कैलाश कुटीर रेजीडेंशियल कालोनी था। जहां कंपनी के अधिकारी रहा करते थे।
वर्ष 2007 में द्वारिकाधीश टेंपल ट्रस्ट की ओर से सिविल कोर्ट में वाद दाखिल करते हुए इस रेजीडेंशियल हिस्से को अपना बताया गया। कोर्ट से पक्ष में आदेश होने के बाद वर्ष 2023 में ट्रस्ट की ओर से कब्जा लेने का वाद दाखिल किया गया।
इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने 13 फरवरी 2025 को आदेश देते हुए अमीन नियुक्त किया और उक्त जमीन पर कब्जा दिलाने के आदेश दिए। इसपर ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता अमीन और पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे।
कब्जा होने की जानकारी एनटीसी के ऑफिसर इंचार्ज सतीश कुमार, मिल प्रभारी अजीत सिंह, कंपनी के अधिवक्ता एसएन सिंह को लगी तो वह लोग भी मौके पर पहुंचे। एनटीसी के अधिकारियों ने संपत्ति को भारत सरकार का बताया जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। जिस पर पुलिस उन्हें कर्नलगंज थाने ले आयी। यहां दोनों पक्षों के दस्तावेज देखे गए।
एनटीसी के अधिवक्ता एसएन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीयकरण होने के बाद न्यू विक्टोरिया मिल एंड कंपनी से जुड़ी सभी संपत्ति एनटीसी की हो गई थी। जिस जमीन पर ट्रस्ट दावा कर रहा है वह भी 99 साल की लीज पर दी गई थी।
वहीं ट्रस्ट के अधिवक्ता कपिल दीप ने बताया कि न्यू विक्टोरिया मिल की संपत्ति एनटीसी की है। ट्रस्ट ने उसी जमीन पर कब्जा मांगा है, जिसे किराये पर दिया गया था। एनटीसी की ओर से कब्जा वाद में अपना पक्ष रखा था लेकिन बाद में न तो आपत्ति की गई और न ही कोई पैरवी हुई।
जिसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन अरुण कुमार गुप्ता ने पांच अक्टूबर 2024 को उनका पक्ष खारिज कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर अमीन और पुलिस बल के साथ कब्जा लेने पहुंचे थे।
एनटीसी के वकील एसएन सिंह ने कहा कि पुलिस को सभी दस्तावेज दिखा दिए गए हैं। इस घटना की पूरी जानकारी हेड आफिस को भेज दी गई है। वहां से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होंगे उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
इंस्पेक्टर कर्नलगंज रवीन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर अमीन के साथ पुलिसकर्मी भेजे गए थे। विवाद पर सभी को थाने लाया गया। कोर्ट आदेश देखने के बाद जमीन का चिन्हांकन कराया गया है।