आ स. संवाददाता
कानपुर। छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल आफ आर्ट्स ह्यूमैनिटीज यूनिटी एंड सोशल साइंसेज में श्रीमद् भगवत गीता वैदिक शोधपीठ द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में स्वामी अभिनानंद आचार्य चिन्मय मिशन साउथ अफ्रीका ने छात्रों को संबोधित किया।
स्वामी अभिनानंद ने छात्रों को बताया कि आधुनिक युग में भगवदगीता एक ओर काम, क्रोध आदि मानसिक रोगों का समाधान करती है। वही दूसरी ओर ये नेतृत्व और प्रबंधन के सूत्र बताकर समृद्धि और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। गीता के स्वाध्याय की आज के युवाओं को महिती आवश्यकता है । गीता हमें स्व- प्रबंधन पर बल देती है।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दुविधा और निराशा के संकट से निकालकर धर्म युद्ध की प्रेरणा दी थी। गीता हमें संदेश देती है कि हम सभी प्राणियों के प्रति द्वेष भाव न रखें, क्योंकि द्वेष रखने से हमारे मन की ऊर्जा का निरंतर ह्रास होता है।
भगवतगीता सर्वभूत हितेरता की प्रेरणा देकर केवल मनुष्य ही नहीं अपितु पशु पक्षी ,कीट पतंग, पेड़ पौधे आदि सभी के हित का संदेश देती है। स्वामी जी ने बताया कि जन-जन में गीता के ज्ञान का प्रकाश फैले यही इस आंदोलन का उद्देश्य है।
इस कार्यक्रम में चिन्मय मिशन ,दक्षिण अफ्रीका के ही स्वामी अभेदानंद ने मानव व्यक्तित्व विकास में भगवदगीता का योगदान के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने स्वामी जी से व्यक्तित्व विकास को लेकर अपने प्रश्न पूछे, जिनका स्वामी जी ने समाधान किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. किरण झा निदेशक स्कूल ऑफ़ आर्ट्स ह्यूमैनिटीज एवं सोशल साइंसेज ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज अवस्थी ने किया। डॉ. प्रशांत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।