कानपुर। नवरात्रि के अंतिम दिन मंदिरों में पूजन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान लोगों ने मंदिरो व घरों में महागौरी व सिद्धिदात्री के रूप में माता का विधि-विधान से पूजन कर छोटी कन्याओं को उपहार देकर भोजन कराया। शुक्रवार को शहर के हर छोटे बडे मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटी और मां के आठवें स्वरूप महागौरी व नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री का पूजन कर उनसे वरदान मांगा। नवरात्रि के अंतिम दिन सुबह से ही लोगों ने घरों और मन्दिरों में हवन पूजन कर अपने जीवन के लिए सुख-शांति और समृद्धि की मनोकामना की। अंतिम नवरात्रि के अवसर पर देवी मंदिरों के कपाट भोर पहर से ही भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। वहीं पूरे दिन शहर के विभिन्न इलाकों में भंडारे आदि का दौर चलता रहा। इसमें लोगों ने सब्जी पूड़ी के अलावा हलवा, चना और दही जलेबी आदि को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।यही नही नवरात्रि के अंतिम दिन मां के भजनों व जयकारों से मंदिर का माहौल भक्तिमय बना रहा। वहीं, इसके अलावा शाम को मंदिरों में कीर्तन व देवी भक्ति संगीत का आयोजन किया गया। जगह-जगह मां दुर्गा के पंडालों पर मेले जैसा माहौल देखने को मिला। विशेषकर, महिलाएं मां से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नए वस्त्रों को धारण कर मंदिर पहुंची। मां महागौरी व सिद्धिरात्रि की अराधना व कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का समापन व व्रत का पारण किया गया। भक्तों ने कन्याओं का चरण पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। घर में पूजन के बाद भक्तों ने मंदिरों का रुख किया। मंदिरों में मां के श्रृंगार, फूल, नारियल व रंग-बिरंगी चुन्नी से सजी थाल को खरीदने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। शहर के हर छोटे-बडे देवी मन्दिरों में देवी दर्शन और पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा जिससे वहां पर जयकारों से आसमान गूंजता रहा। भक्तों ने देवी के चरणों पर विभिन्न प्रकार की पूजन, सामग्री के साथ ही फल, फूल और मिष्ठान्न अर्पित किए।भक्तों ने मां जगदंबा का जयकारा लगाते हुए मां के स्वरूप के दर्शन किए और श्रीफल तथा चुनरी मां को अर्पित कर माता को मनाने को काम किया।