July 11, 2025

कानपुर। कानपुर में फर्जी तरीके से बेची गई नजूल की एपी फैनी कंपाउंड मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। मामले की विवेचना पर डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी के साथ ही एडीसीपी और एसीपी कर्नलगंज भी नजर रखेंगे। कर्नलगंज थानाक्षेत्र के चुन्नीगंज स्थित एपी फैनी कंपांउड को लेकर प्रशासनिक जांच में जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ था।ईसाई ट्रस्ट बनाकर उनके अधिकृत हस्ताक्षर करने वालों ने जमीन अवैध तरीके से बेच दी थी। प्रशासनिक जांच पूरी होने के बाद करीब एक सप्ताह पहले सरकारी अभिलेखों में एपी फैनी कंपाउंड की जमीन को नजूल की संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया गया था। इस वजह से एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने मामले की जांच को अब सोमवार को एसआईटी का गठन कर दिया।एसआईटी का गठन होने के बाद मंगलवार को एसआईटी चीफ (पर्यवेक्षण अधिकारी) डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने सहायक पर्यवेक्षण अधिकारी एडीसीपी सेन्ट्रल महेश कुमार, सहायक पर्यवेक्षण अधिकारी एसीपी कर्नलगंज तेज बहादुर सिंह।सर्विलांस और टेक्निकल एसिस्टेंस पर्यवेक्षण अधिकारी- डीसीपी क्राइम व मुख्यालय आशीष श्रीवास्तव, एडीसीपी एलआईयू राजेश कुमार श्रीवास्तव के साथ बैठक की। एसआईटी चीफ ने मंगलवार को एसआईटी के अफसरों के साथ बैठक की और पूरे मामले की जांच को तेजी से पूरा करने का दिशा निर्देश दिया। जल्द ही ईपी फैनी जमीन कब्जा करके बेचने के आरोपियों की अरेस्टिंग और जेल भेजने की कार्रवाई करेगी।सिविल लाइंस की मैरी एंड मैरी स्कूल कंपाउंड की जमीन कब्जाने के बाद प्रेस क्लब पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित पर एक्शन के बाद ठीक इसी चुन्नीगंज स्थित 10 अरब की एपी फैनी कैंपस की जमीन बेचने को लेकर डीएम ने जांच बैठाई थी। जांच में जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त का खुलासा हुआ था।इसमें ईसाई ट्रस्ट बनाकर उनके अधिकृत हस्ताक्षर करने वालों ने जमीनों पर प्लॉटिंग कर अवैध तरीके से बेच डाला। जांच में यह भी मिशनरियों की लीज समाप्त होने के बाद यह जमीन सरकार की हो चुकी है। जांच पूरी होने के बाद लेखपाल विपिन कुमार की तहरीर पर मंगलवार देर रात कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई।पुलिस ने कानपुर के रेलवे कॉलोनी निवासी अनिल कुमार, गंगापुर यशोदा नगर निवासी अर्पित मिश्रा, एम ब्लॉक किदवई नगर निवासी दीपक कुमार, केडीए कॉलोनी गंगा विहार निवासी दुर्योधन कुमार और हाथरस निवासी मो. रेव जॉनसन टी जॉन के खिलाफ धोखाधड़ी संग कूटरचित सरकारी दस्तावेज बनाना, उनका प्रयोग करना समेत अन्य धाराओं में एफआईआर  की थी।

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