
संवाददाता
कानपुर। एसीपी मोहसिन खान और आईआईटी स्कॉलर के बीच चल रहे विवाद में एक दरोगा लाइन हाजिर हो गया। दरोगा ने एसीपी मोहसिन खान की पत्नी सुहैला सैफ के कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में रिपोर्ट लगाई थी कि एसीपी के घर में आईआईटी स्कॉलर ने जो घटना की थी वो जांच के दौरान सही पाई गई है।
एसीपी कल्याणपुर के मुताबिक मामले में दरोगा ने तथ्य छिपाकर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की थी। जिसके कारण उस पर विभागीय जांच कराई गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी जांच आगे भी चलती रहेगी। क्योंकि दरोगा ने न केवल कोर्ट को गुमराह किया बल्कि अधिकारियों को भी मामले की जानकारी नहीं दी।
एसीपी मोहसिन खान की पत्नी सुहैला सैफ ने 1 अप्रैल को कानपुर कोर्ट में अप्लीकेशन दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि 1 दिसंबर 2024 की सुबह लगभग 10 बजे वह पति एसीपी मोहसिन खान व अन्य परिजनों के साथ सरकारी आवास पर थीं। उसी समय आईआईटी स्कॉलर निवास स्थान में घुस आई और गेट अंदर से बंद कर लिया। उस समय आईआईटी स्कॉलर ने धमकी दी कि मैं तुम्हारे पति से बहुत प्रेम करती हूं और उससे शादी करना चाहती हूं। मगर तुम और तुम्हारा यह बेटा और बेटी मेरे और तुम्हारे पति के बीच में बाधा बन रहे हैं। जिसकी वजह से मोहसिन तुम्हें छोड़कर मुझसे शादी नहीं कर रहा है। तुम उसे तलाक दो। वर्ना किसी झूठे मुकदमे फंसा दूंगी।
इस मामले में कोर्ट ने 16 अप्रैल, 2025 को थाने से रिपोर्ट मांगी। 18 अप्रैल, 2025 को रावतपुर थाने में तैनात दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई की तरफ से रिपोर्ट दी गई। जिसमें उन्होंने घटना को सत्य बताया। फिर कोर्ट ने 21 अप्रैल को आदेश दिया कि सुहैला सैफ अपनी शिकायत थाने में देकर एफआईआर दर्ज करा सकती हैं।
22 अप्रैल को सुहैला सैफ थाना रावतपुर पहुंची और आईआईटी स्कॉलर के खिलाफ तहरीर दी। मगर केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद 29 अप्रैल को कोर्ट ने स्पष्ट एफआईआर दर्ज करने के आदेश रावतपुर थाने को दिए तब जाकर 30 अप्रैल को रावतपुर थाने में एफआईआर दर्ज हुई।
एसीपी की पत्नी सुहैलासैफ की एफआईआर दर्ज होने के बाद रावतपुर थाने में हलचल तेज हो गई। क्योंकि मोहसिन खान का सरकारी आवास नवाबगंज में आता है जबकि रिपोर्ट रावतपुर थाने में दर्ज की गई। जिस पर अधिकारियों ने इंस्पेक्टर रावतपुर को डांट लगाई। इसके बाद रिपोर्ट लगाने वाले दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई के खिलाफ विभागीय जांच कर लाइन हाजिर होने की कार्रवाई की गई।
16 अप्रैल को कोर्ट ने प्रारम्भिक जांच पुलिस को सौंपी। जिसका आदेश पैरोकार हेड कॉन्स्टेबल श्याम बाबू ने थाना रावतपुर के डाक मुंशी को नियमानुसार सुपुर्द नही किया। बल्कि एसआई राजेश प्रसाद बाजपेई ने पैरोकार से सीधे यह आदेश ले लिया। साथ ही दरोगा ने इंस्पेक्टर को भी इस आदेश की जानकारी नहीं दी और बिना जांच किए ही रिपोर्ट लगा दी। जबकि इंस्पेक्टर ने जांच चौकी इंचार्ज गुरुदेव को सौंपी थी। गुरुदेव के चौकी इंचार्ज ने जांच की तो मोहसिन का घर घटनास्थल नवाबगंज में मिला था।
एसआई राजेश कुमार बाजपेई ने घटना को सत्य बताने वाली रिपोर्ट लगाने से पहले एक रिपोर्ट यह भी लगाई थी कि एसीपी की पत्नी या आईआईटी स्कॉलर के खिलाफ रावतपुर थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। इस रिपोर्ट में इंस्पेक्टर रावतपुर केके मिश्रा के भी हस्ताक्षर थे। सवाल यह है कि उसी रिपोर्ट में कोर्ट को यह क्यों नहीं अवगत कराया गया कि मामला रावतपुर नहीं बल्कि नवाबगंज थाना क्षेत्र का है।
जिसके बाद रावतपुर इंस्पेक्टर ने डीसीपी से दरोगा के खिलाफ कठोर कार्रवाई का अनुरोध किया। इंस्पेक्टर रावतपुर ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कि राजेश प्रसाद बाजपेई ने तथ्यों और घटनास्थल को देखे बगैर रिपोर्ट लगा दी। राजेश प्रसाद ने इंस्पेक्टर रावतपुर यानि की मुझे रिपोर्ट सबमिट नहीं की और न ही किसी और उच्च अधिकारी को इसकी जानकारी दी। जबकि नियमानुसार कोर्ट से प्राप्त डाक को पैरोकार द्वारा डाक मुंशी को दिया जाता है। डाक मुंशी द्वारा इंस्पेक्टर के सामने आदेश प्रस्तुत किया जाता है जिस पर इंस्पेक्टर उसे संबंधित व्यक्ति को जांच के लिए देता है।
दरोगा के लाइन हाजिर होने के बाद रावतपुर थाने से फाइल ट्रांसफर होगी। इसके लिए एक रिपोर्ट ज्वाइंट सीपी के यहां भेज दी गई है। अधिकारी के हस्ताक्षर होने के बाद एसीपी मोहसिन खान की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर नवाबगंज थाने ट्रांसफर हो जाएगी। वहीं से आगे की विवेचना होगी।
इस मामले में एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि दरोगा राजेश प्रसाद बाजपेई को लाइन हाजिर किया गया है। उन्होंने तथ्यों को छुपाते हुए गलत तरह से कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की थी। दरोगा की अब इस मामले में विभागीय जांच होगी। इसके अलावा केस को नवाबगंज थाने में ट्रांसफर कराने की रिपोर्ट भी वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है।