July 31, 2025

संवाददाता

कानपुर।  सरसौल स्थित पुरवामीर में गुप्त नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सिद्ध मां कात्यायनी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सरसौल प्रधान संघ अध्यक्ष अरुण तोमर उर्फ रोहित ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। माता के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया।
आचार्यों ने विधि-विधान से मां कात्यायनी की आरती और पूजन किया। मंदिर परिसर में देवी मां के नौ स्वरूप विराजमान हैं। हिंदू धर्म में प्रतिवर्ष चार नवरात्र आते हैं। इनमें शारदीय और चैत्र नवरात्र प्रमुख हैं। इनके अलावा दो गुप्त नवरात्र भी मनाए जाते हैं।
गुप्त नवरात्र तंत्र-मंत्र साधना के लिए विशेष माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान की गई पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि में प्रातः स्नान के बाद पूजन सामग्री एकत्र की जाती है। मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल वस्त्र से सजाया जाता है। मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोए जाते हैं। शुभ मुहूर्त में गंगाजल से भरे कलश की स्थापना की जाती है। कलश पर आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है। इसे लाल कपड़े से लपेटकर कलावा बांधा जाता है।
आचार्य शिवम शुक्ला के अनुसार, गुप्त नवरात्र में सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। मां को लौंग और बताशे का भोग लगाएं। लाल पुष्प अर्पित करें। ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के जीवन में खुशहाली आती है।