
संवाददाता
कानपुर। बिल्हौर तहसील क्षेत्र के गढ़ेवा गांव में एक किसान की झोपड़ी में भीषण आग लग गई। इस घटना में किसान का पूरा घर जलकर राख हो गया। झोपड़ी में सो रहा चार सदस्यीय परिवार समय रहते बाहर निकल आया और सुरक्षित बच गया।
पीड़ित किसान प्रभात चंद अग्निहोत्री पुत्र बृजेश कुमार अग्निहोत्री खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं। प्रभात अपनी पत्नी गुड्डी और दो बेटों, सात वर्षीय उज्जवल तथा पांच वर्षीय प्रज्वल के साथ घास-फूस से बनी झोपड़ी में रहते थे। घटना के समय परिवार के सभी सदस्य झोपड़ी में सो रहे थे।
आग लगने के कारणों को लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि सर्दी के कारण कुछ बच्चे घर के पास आग ताप रहे थे, जिसकी एक चिंगारी उड़कर झोपड़ी तक पहुंच गई और आग लग गई। वहीं, कुछ अन्य लोगों का मानना है कि देर रात एक छुट्टा गोवंश जलती आग को इधर-उधर ले गया, जिससे चिंगारी झोपड़ी तक पहुंची और आग ने विकराल रूप ले लिया।
आग का एहसास होते ही प्रभात चंद ने तुरंत अपने परिवार को झोपड़ी से बाहर निकाला, जिससे उनकी जान बच गई। आग बुझाने के प्रयास में प्रभात चंद के हाथ और पैर झुलस गए। इस अग्निकांड में झोपड़ी में बंधी उनकी गाय जिंदा जल गई, जिसकी अनुमानित कीमत 48 हजार रुपए बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, एक मोटरसाइकिल, लगभग तीन क्विंटल अनाज, एक सिलाई मशीन, पांच हजार रुपये नकद और गृहस्थी का अन्य सारा सामान भी जलकर राख हो गया।
ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक किसान का सब कुछ नष्ट हो चुका था। रात करीब दो बजे हुई इस घटना के बाद प्रभात चंद का पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है। पीड़ित परिवार ने अब प्रशासन से आर्थिक सहायता और पुनर्वास की गुहार लगाई है, ताकि वे अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला सकें।






