
आ स. संवाददाता
कानपुर। उ. प्र. सहकारी कताई मिल संघ के लेखाकार ने जितनी कमाई दिखाई उससे 22.31 प्रतिशत रकम ज्यादा खर्च कर दी। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो जांच कराई गई। एक साल की जांच में इसका खुलासा हुआ। जिसके बाद एंटी करप्शन टीम ने लेखाकार के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करा दी है। एंटी करप्शन यूनिट के अफसरों के मुताबिक अब विवेचना में लेखाकार को अपने दस्तावेज दाखिल करने के लिए कहा गया है।
चकेरी के सी ब्लॉक श्याम नगर निवासी नवनीत रंजन श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल संघ में लेखाकार के पद पर कार्यरत है। आय से अधिक सम्पत्ति का संदेह होने के साथ ही संयुक्त सचिव औद्योगिक विकास ने एंटी करप्शन यूनिट को पत्र लिखकर मामले में जांच करने को कहा था। इसी पत्र का संज्ञान लेते हुए एसपी एंटी करप्शन ने कानपुर यूनिट को जांच करने के निर्देश दिए। जाँच के लिए एंटी करप्शन यूनिट ने नवनीत रंजन श्रीवास्तव का एक साल का आय और व्यय का डाटा निकाला।
एंटी करप्शन यूनिट कानपुर में तैनात इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला ने मामले में जांच की। जांच में पता चला कि एक साल में नवनीत रंजन श्रीवास्तव ने आय के समस्त वैध श्रोतों से कुल रुपये 17206167 रुपए की आय अर्जित की। जबकि इसी अवधि में लेखाकार ने विभिन्न परिसम्पत्तियाँ एवं पारिवारिक भरण पोषण आदि पर 21045699 रुपए का खर्च किया। जो कि आय का 22.31 प्रतिशत यानी 3839532 रुपए ज्यादा खर्च किए गए।
इंस्पेक्टर एंटी करप्शन यूनिट अर्चना शुक्ला ने बताया कि नवनीत को दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपना बयान दर्ज कराने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। मगर न उसने दस्तावेज दिए न ही बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित हुआ।
जिसके बाद एंटी करप्शन यूनिट थाना कानपुर में इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला ने वादी बनकर नवनीत रंजन श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस के मुताबिक मामले में विवेचना करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।