• कांग्रेस का आरोप, मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितता।

संवाददाता
कानपुर। नगर में चल रहे मतदाता सूची में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता और धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
कांग्रेस के नेताओं ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर सीधे और गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है और अपने राजनीतिक लाभ के लिए बूथ लेवल ऑफिसर पर अनुचित दबाव बना रही है। कांग्रेस का आरोप है कि इस दबाव के चलते विपक्षी दलों के वोट बैंक को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस के नेताओं ने डीएम को सौंपे गए ज्ञापन में धांधली का जिक्र करते हुए बताया है कि भाजपा के बूथ एवं वार्ड स्तर के पदाधिकारी उन क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं जहां कांग्रेस का प्रभाव अधिक है। इन क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से वैध मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। इसके विपरीत, ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं जो वास्तव में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निवासी नहीं हैं। कांग्रेस का दावा है कि ये वे लोग हैं जो पहले से किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत हैं या जिनका वास्तविक निवास कहीं और है। यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से चुनावी धांधली को बढ़ावा दे रही है।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने निर्वाचन आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस मतदाता सूची पुनरीक्षण की वर्तमान समय-सीमा को कम से कम तीन माह तक बढ़ाया जाए, ताकि त्रुटिरहित और पूर्णतः पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जा सके। सभी बीएलओ पर पड़ रहे राजनीतिक दबाव की तत्काल उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और उन्हें बिना किसी दबाव के निष्पक्ष काम करने का माहौल दिया जाए। फर्जीवाड़े और धांधली में लिप्त सभी दोषी अधिकारियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ तत्काल और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस नेताओं ने इस मौके पर एक सख्त चेतावनी भी जारी की। उन्होंने कहा कि यदि भारत निर्वाचन आयोग ने त्वरित संज्ञान नहीं लिया और उसने सत्ताधारी भाजपा के अनुषांगिक संगठन की तरह काम करना जारी रखा, तो कांग्रेस पार्टी के पास सड़क पर उतरकर व्यापक आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। कांग्रेसी नेताओं ने यह भी दावा किया कि उनके पास एसएआर प्रक्रिया में की जा रही धांधली के ठोस सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन सबूतों को उचित समय और आवश्यकता पड़ने पर सार्वजनिक किया जाएगा।
यह मामला अब कानपुर की चुनावी राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिस पर सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी।
जिलाधिकारी ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वह ज्ञापन को तत्काल मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजेंगे और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच भी शुरू कराएंगे। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ाएगी और निष्पक्ष मतदाता सूची बनने तक अपना विरोध जारी रखेगी।





