November 21, 2024

-पानी भरे गढ्ढों में गाड़ी छोड़िए पैदल चलना मुश्किल।

कानपुर। शहर में लगातार हुई बारिश ने सड़को के हाल बेहाल कर दिए है। आलम ये है कि शहर में एक नहीं, न जाने कितनी सड़कें गड्‌ढे में बदल गई है।
नगर के दक्षिण में स्थित बर्रा कर्रही से अर्रा जाने वाली  रोड यूं तो पिछले तीन सालों से गड्ढों में तब्दील है। मगर, यह रोड पिछले साल अगस्त में तब चर्चा में आई जब नगर निगम सदन की बैठक में इसका नाम ‘चंद्रयान-3’ मिशन की सफलता के बाद इसी के नाम पर रखने की घोषणा हुई। इस समय स्थिति ऐसी है कि सड़क पर साइकिल से भी गुजरना मुश्किल है।
नगर निगम ने इस रोड की मरम्मत कराई और तीन सितंबर 2023 तक इसे समतल किया था। अब इस पर इतने बड़े गड्ढे बन चुके हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल है। जल निकासी का इंतजाम न होने से गड्ढों में नालों का पानी भरा रहता है।
इस रोड को फोरलेन बनाने के साथ ही दोनों तरफ ड्रेनेज सिस्टम के लिए 66 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव पास हुआ है। अब दावा है कि सीएम ग्रिड योजना के तहत इस  सड़क का निर्माण किया जाएगा।
ठीक वैसे ही  इंद्रानगर स्थित मकड़ीखेड़ा की सड़क की ऐसी ही स्थिति है। सोसाइटी क्षेत्र की इस सड़क को कोई देखने वाला नहीं है। यहां भी ड्रेनेज सिस्टम न होने से करीब 200 मीटर रोड पर 20-20 फीट के बड़े-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। यहाँ गाड़ी छोड़िए पैदल तक नहीं जा सकते हैं। लोगों ने इस रोड को छोड़कर दूसरी सड़कों से जाना शुरू कर दिया है।
दिनों भर बेहद व्यस्त रहने वाली विजय नगर मस्जिद रोड पर भी बड़े-बड़े गड्‌ढे हो गए हैं। आलम ये है कि यहां बीते करीब 2 माह से जलभराव बना हुआ है। विजय नगर कॉलोनी के लोगों का कहना है कि पानी भरने से मच्छर बढ़ गए हैं। जानलेवा बीमारियों का खतरा है। बदबू आने से सांस तक लेने में दिक्कत होती है। करीब 300 मीटर रोड पूरी तरह गड्‌ढे में तब्दील हो गई है।
लगातार तेज बारिश के बाद सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। कई जगह डामर बह जाने से नुकीले गिट्‌टी-पत्थर खतरनाक साबित हो रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र अनगिनत  गड्ढेवाली सड़कें हैं। गड्ढों वाली सड़कों पर रोज बाइक, साइकिल सवार घायल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 अक्टूबर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन नगर निगम के अफसरों ने मुख्यमंत्री के निर्देश को ताक पर रख दिया है। नगर निगम ने 25 दिन पहले खस्ताहाल हुईं सड़कों का सर्वे कराया था। 103 गड्ढायुक्त सडकें चिह्नित की गईं थी ।

नगर निगम में 10 करोड़ रुपए से इन्हें गड्ढामुक्त करने के लिए पिछले महीने की 18, 24 और 25 तारीख को टेंडर कराए गए। इनमें से 89 सड़कों को बनाने के लिए ठेकेदारों ने टेंडर डाले। जोन स्तर पर जांच कराने के बाद इन्हें स्वीकृति के लिए मुख्य अभियंता के माध्यम से नगर आयुक्त सुधीर कुमार के कार्यालय भेजा गया। जहाँ पर स्वीकृति नहीं मिली। अन्य 14 सड़कों के लिए दोबारा टेंडर मांगे गए हैं।