संवाददाता
कानपुर। चौबेपुर स्थित पचोर गांव का उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हालत में है। छत टपकने और दीवारों से प्लास्टर गिरने के कारण बच्चे दहशत के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षक भी दुर्घटना के जोखिम के बीच कक्षाएं ले रहे हैं।
यह विद्यालय भवन वर्ष 2001 में बना था, जो अब खस्ताहाल हो चुका है। बारिश के दिनों में कक्षाओं में पानी भर जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। छत और दीवारों से लगातार प्लास्टर गिरता रहता है, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
विद्यालय में रघुनाथपुर, पचोर, बाबापुर और हंसपुर गांव के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। जर्जर भवन के कारण उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। शिक्षकों को भी बच्चों को दुर्घटना से बचाते हुए पढ़ाना पड़ रहा है।
पचोर गांव के सोनू तिवारी, रघुनाथपुर के बिट्टू और शादीपुर गांव के सुनील मिश्रा आदि अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को ऐसे स्कूल भवन में भेजना उनकी मजबूरी है। उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी आनंद कुमार पटेल ने बताया कि विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि, अभी तक बजट को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही भवन की दशा सुधारने का काम शुरू किया जाएगा।







